विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष
गोविन्द पुण्डीर
गढ़ निनाद न्यूज़ * 5 जून 2020
नई टिहरी:
विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित ‘विश्व पर्यावरण सम्मेलन’ में चर्चा के बाद शुरू किया गया था।
सयुंक्त राष्ट्र संघ ने मनाया था पहला विश्व पर्यावरण दिवस
असल में विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। विश्व पर्यावरण दिवस याने world environment day को हम प्राकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का दिन भी कह सकते हैं। इस दिन को मनाने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि हम लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत कर सकें। हम भी तो पर्यावरण और पृथ्वी का एक हिस्सा हैं। प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है।
इस साल की थीम है time for Nature
विश्व पर्यावरण दिवस को हर साल एक थीम दी जाती है और इस साल की थीम है ‘प्रकृति के लिए समय’ (Time for Nature)। इसका मकसद पृथ्वी और मानव विकास पर जीवन का समर्थन करने वाले आवश्यक बुनियादी ढांचे को प्रदान करने पर ध्यान दिया जाए।
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की वजह
पूरे संसार में पर्यावरण एक गम्भीर समस्या बन चुकी है। साल दर साल विश्व में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। इंसानों ने अपनी शानो-शौकत के लिए संसाधनों का निर्माण किया, प्रकृति के साथ छेड़छाड़ किया। जिससे पर्यावरण पर बुरा असर पड़ा। इस बुरे असर से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए ही वैश्विक मंच बनाया गया। ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके।
पर्यावरण पर पड़ा सकारात्मक प्रभाव
कोरोना महामारी के चलते इस साल इस दिवस को डिजिटल ही मनाया जाएगा। भले ही मनुष्य को लॉकडाउन ने हिला कर रख दिया हो, लेकिन पर्यावरण पर लॅाकडाउन का साकारत्मक प्रभाव पड़ा है। नदियां साफ और स्वच्छ हो गयी हैं जो लाखों करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद भी नहीं हो पाई थी। प्रदूषण का स्तर भी काफी नीचे आ गया है।
आइए, शुद्ध पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएं। ” 100 पेड़ एक पुत्र समान’ की भावना के तहत पर्यावरण को बचाने में आगे आएं।