कांग्रेसियों ने सरकार के दोहरे मापदंडों के खिलाफ किया “सांकेतिक सत्याग्रह”
गढ़ निनाद न्यूज़ * 7 जून 2020
नई टिहरी: कांग्रेसजनों ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज द्वारा लॉकडाउन उलंघन मामले में सरकार द्वारा दोहरा रवैया अपनाने पर शहर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में सांकेतिक सत्याग्रह उपवास रखा। वहीं बौराड़ी में कांग्रेस प्रदेश सचिव मुशर्रफ अली के नेतृत्व में उनके आवास में सत्याग्रह किया गया।
नई टिहरी कांग्रेस शहर अध्यक्ष देवेन्द्र नौडियाल (मोनू) ने कहा कि न्यायोचित सत्य का आग्रह ही सत्याग्रह है। कहा कि उत्तराखंड के काबीना मंत्री सतपाल महाराज और उनके परिजनों ने कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद उन सभी कानूनों का उल्लंघन किया है, जो इस कोरोना महामारी के संक्रमण काल में अपराध है। जबकि महामारी में संक्रमण के तहत राज्य सरकार पहले ही रंवाई उत्तरकाशी के निर्दोष प्रवीण जयाडा जैसे साधारण नौजवान पर संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर चुकी है। लेकिन सतपाल महाराज के राजनीतिक रसूख के आगे कानून अब तक कुछ नहीं कर पाया। जबकि नैनीताल उच्च न्यायालय ने इस दोहरे कानून पर राज्य सरकार को फटकार भी लगायी है।
जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि सतपाल महाराज कोरोना सक्रंमित पाये जाने पर उनके द्वारा कैबिनेट बैठक में शामिल होने पर उस बैठक में उपस्थित सभी माननीयों की कोरोना जांच होती है,जो आवश्यक भी है। परन्तु उनके पुत्र जो कोरोना सक्रंमित पाये जाते हैं, चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र में अपने सहयोगियों के साथ राजनीतिक उद्देश्य से भ्रमण करते हुए क्षेत्र के आम लोगों के सम्पर्क में आते हैं। चौबट्टाखाल क्षेत्र के उन लोगों की कोई जांच नहीं होती। आखिर एक प्रदेश में एक ही सरकार द्वारा रसूखदार और आम लोगों के लिए अलग-अलग कानून और व्यवहार क्यों?
महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती दर्शनी रावत एवं महिला सेवादल अध्यक्ष श्रीमती आशा रावत ने कहा कि देश में लोकतंत्र है। राज्य सरकारें संविधान की मर्यादाओं से बंधी है। ऐसी स्थिति में अगर लोक द्वारा बनाये गये तंत्र के संविधान पर सवाल खड़ा होता है तो सत्य के पक्ष में आवाज बुलंद करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी हैं।
युवा कांग्रेस टिहरी विधान सभा के अध्यक्ष नवीन सेमवाल ने कहा कि त्रिवेन्द्र सरकार को शीघ्र ही महाराज के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
उधर बौराड़ी में कांग्रेस प्रदेश सचिव मुशर्रफ अली के नेतृत्व में उनके आवास में सत्याग्रह किया गया। अली ने कहा कि उत्तराखंड के काबीना मंत्री सतपाल महाराज और उनके परिजनों ने कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद उन सभी कानूनों का उल्लंघन किया है,जो इस कोरोना महामारी के संक्रमण काल में अपराध है। लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं होती। जबकि आम नागरिको पर FIR हो चुकी है। माननीय नैनीताल उच्च न्यायालय ने इस दोहरे कानून पर राज्य सरकार को फटकार भी लगायी है।
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेसजनों ने राज्य सरकार के इस दोहरे मापदंड के खिलाफ सत्याग्रह किया है। जिसमे उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के सचिव मुशर्रफ अली, अशद आलम, नफीस खान और शकील अहमद शामिल रहे।