पीएम मोदी द्वारा ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ का अवलोकन, सुनियोजित तरीके से विकास कार्य जल्दी पूरे करने के निर्देश
गढ़ निनाद समाचार * 10 जून 2020
दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ धाम विकास और पुनर्निर्माण परियोजना की आज वीडियो कॅान्फ्रेंसिंग के जरिये उत्तराखंड सरकार के साथ समीक्षा की।
इस तीर्थस्थल के पुनर्निर्माण की अपनी परिकल्पना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे पवित्र स्थलों के लिए विकास परियोजनाओं की संकल्पना के साथ उसका डिजाइन इस प्रकार तैयार करना चाहिए जो समय की कसौटी पर खरा उतरे, पर्यावरण के अनुकूल हो और प्रकृति और उसके आसपास के वातावरण के साथ तालमेल बैठा सके।
PM Modi ने वीडियो कांफ्रेंस और ड्रोन के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन किया। धाम के आस-पास की गुफाओं के स्वरूप को आकर्षक तथा उन्हें सुनियोजित तरीके से विकसित किए जाने के लिए भी कहा गया।#PMModi #Kedarnath #Chardham #Badrinath #Uttarakhand pic.twitter.com/LK7GY6Tb4C
— Green Voice India (@GreenVoiceIndia) June 11, 2020
वर्तमान स्थिति और इन तीर्थस्थलों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में तुलनात्मक रूप से आई कमी को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि निर्माण के वर्तमान समय का उपयोग श्रमिकों के उचित वितरण द्वारा लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन साथ ही हमें उचित दूरी बनाए रखने (सोशल डिस्टेंसिंग) के नियम को भी ध्यान में रखना होगा। इससे आने वाले वर्षों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रखने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं तैयार करने में मदद मिलेगी।
केदारनाथ के पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। यहां के पुनर्विकास में इस बात पर जोर है कि वो इको-फ्रेंडली हो और तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों के लिए भी सुविधाजनक हो। https://t.co/Xgp7DWMXbc
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2020
कुछ विशेष सुझावों के तहत, प्रधानमंत्री ने रामबन से केदारनाथ तक के बीच अन्य धरोहर और धार्मिक स्थलों के और विकास करने का निर्देश दिया। यह कार्य केदारनाथ के मुख्य मंदिर के पुर्नर्विकास के अतिरिक्त होगा।
बैठक में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए ब्रह्म कमल वाटिका और संग्रहालय के विकास की स्थिति से संबंधित विवरण पर भी विस्तार से बातचीत हुई जो वासुकी ताल के रास्ते में है। साथ ही पुराने शहर के मकानों और वास्तुकला की दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व की सम्पत्तियों के पुनर्विकास के अलावा अन्य सुविधाओं जैसे मंदिर से उपयुक्त दूरी पर और नियमित अंतराल पर पर्यावरण अनुकूल पार्किंग स्थल के बारे में भी चर्चा हुई।
बातचीत में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।