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राजकीय महा विद्यालय पोखरी क्वीली मे “लोक साहित्य के महत्व एवं प्रासंगिकता” विषय पर बेबिनार आयोजित

राजकीय महा विद्यालय पोखरी क्वीली मे “लोक साहित्य के महत्व एवं प्रासंगिकता”  विषय पर बेबिनार आयोजित
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गढ़ निनाद न्यूज़* 21जून 2020

गजा: स्व.बेलमती चौहान राजकीय महा विद्यालय पोखरी क्वीली मे “लोक साहित्य के महत्व एवं प्रासंगिकता” विषय पर बेबिनार का आयोजन किया गया। बेबिनार मे पूरे देश से जुडे लोक साहित्य के मर्मज्ञ बिशेषज्ञों ने लोक साहित्य के विभिन्न आयामो पर चर्चा कर निष्कर्ष निकाले । 

कार्यक्रम के संयोजक डा.रामभरोसे विभागाध्यक्ष हिन्दी महाविद्यालय पोखरी क्वीली ने बेबिनार की संकल्पना और उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि बेबिनार से प्राप्त निष्कर्षों और शोध को एक पुस्तक की शक्ल मे शीघ्र ही सामने लाया जायेगा।

कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री ज्योति सिन्हा पूर्व अध्येता भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला ने भोजपुरी के विभिन्न संस्कार गीतों के सम्बन्ध मे कहा कि ये संस्कार गीत विभिन्न अवसरों पर लोक समाज की मानसिक चेतनाओं को वयक्त करते हैं । 

कार्यक्रम की संयोजक महाविद्यालय की प्राचार्य डा . सुनीता श्रीवास्तव ने बताया कि इस कोरोना काल मे किस प्रकार लोग अपनी जडों की ओर लौट रहे हैं । डा. संजीव सिंह नेगी हिन्दी विभागाध्यक्ष नई टिहरी ने कहा कि भारत विविध लोक संस्कृतियों का देश है, इनका अध्ययन होना चाहिए। विशिष्ट वक्ता डा. भीम जी खाचरिया राजकोट गुजरात व महिपाल सिंह नेगी स्वतंत्र पत्रकार व लेखक नई टिहरी ने लोक साहित्य के महत्व और उसकी प्रासंगिकता पर कहा कि लोक साहित्य का दस्तावेजीकरण होना चाहिए।

इस बेबिनार मे विभिन्न विश्वविद्यालयों से लोक साहित्य के विद्वान, शोधार्थी और लोक साहित्य मे रुचि रखने वाले डेढ सौ प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। शोधार्थियों में नेहा कुमारी, तेजस पूनिया, मेघनाराय ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। 

कार्यक्रम मे डा राजेश सिंह, डा अरुण कुमार सिंह, डा पूनम धस्माना, डा बिबेकानन्द भट्ट, डा मुकेश सेमवाल, डा वन्दना सेमवाल व नरेन्द्र विजल्वाण ने सहयोग किया ।


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Govind Pundir

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