राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में कोरोना वारियर्स प्रशिक्षण कार्यशाला
गढ़ निनाद न्यूज * 10 जुलाई 2020
देवप्रयाग: राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में अनलॉक 2 की गाइडलाइन के अनुसार राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए महाविद्यालय प्रांगण में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 विद्याधर पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि हमें सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए, साथ ही उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर साबुन से बार-बार हाथ धोने के साथ मास्क का उपयोग करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। यथासंभव हो सके चेहरे पर बिना हाथ धोए हाथ नहीं लगाएं, अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और संतुलित आहार लें।
प्रशिक्षण कार्यशाला के संयोजक एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 अशोक कुमार मेंदोला ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश अनलॉक-2 की ओर बढ़ गया है, जैसी उम्मीद की जा रही थी नई गाइडलाइन में कुछ राहत जरूर मिली है, मगर बहुत सी गतिविधियां अभी भी प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि हमें सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। इस वक्त सावधानी रखने की ज्यादा जरूरत है, क्योंकि प्रवासी व्यक्तियों का अपने गांव की ओर पलायन कर रहे हैं। साथ ही उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है क्योंकि पीड़ित व्यक्ति के कोई संकेत और लक्षण नहीं होते हैं जिससे संक्रमण होने और पता लगने के बीच 10 दिनों की देरी में संक्रमण की संख्या 10 गुना अधिक बढ़ा देती है।
प्रोफेसर विल्सन के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित लोगों को चार श्रेणियों में बांटा जा सकता है। पहली श्रेणी में वे लोग होते हैं, जिनमें कोई पीड़ित व्यक्ति में कोई संकेत और लक्षण नहीं भी हो सकते हैं, हालांकि लक्षण प्रकट करने वाले लोगों में बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ और दस्त हो सकते हैं, जो मामूली से लेकर बहुत गंभीर हो सकते हैं। इसके आगे की श्रेणी में वे लोग हैं, जिनमें श्वसन नली के ऊपरी हिस्से में संक्रमण होता है। इस स्थिति में संक्रमित लोगों को बुखार, कफ, सिरदर्द या कंजक्टीवाइटिस (आंख संबंधी बीमारी) के लक्षण होते हैं। इन लक्षणों वाले लोग संक्रमण के वाहक होते हैं, लेकिन संभवत: उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है। तीसरी श्रेणी में कोविड-19 पॉजिटिव लोग होते हैं, जिनमें निमोनिया जैसे लक्षण होते हैं और उन्हें अस्पताल में रहना होता है। चौथी श्रेणी के लोगों में निमोनिया जैसी बीमारी का गंभीर रूप दिखता है। जिन लोगों को संदेह है कि वे संक्रमित हैं, उन्हें सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए।
कार्यक्रम में बताया गया कि प्रत्येक एनएसएस स्वयंसेवी अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें और दूसरे को भी प्रेरित करें। भारत सरकार द्वारा कोविड-19 केंद्रित इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग आईजीओटी कार्यक्रम द्वारा भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य इस महामारी के रोकथाम और उपचार में लगे सभी महाविद्यालय के एनएसएस के स्वयंसेवकों की क्षमता का विकास करना है।
अभी तक महाविद्यालय के छात्रों को ऑनलाइन ही प्रशिक्षण देकर अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड-19 जागरूकता अभियान स्वयं द्वारा निर्मित मासिक वितरण सेनीटाइजर साबुन के साथ ही सफाई के लिए विशेष प्रोत्साहित किया जा रहा था। अब राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग प्रदेश का पहला महाविद्यालय है जिसने अनलॉक दो की गाइड लाइन के अनुसार महाविद्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवी उनको प्रशिक्षित किया।
इस अवसर पर डॉ0 अर्चना धपवाल, डॉ0 मोहम्मद आदिल, डॉ0 पारुल रतूड़ी ने भी संबोधन किया। कार्यक्रम के इस अवसर पर, डॉ0 महेशानंद नौरियाल, डॉ0 दिनेश कुमार टम्टा, डॉ0 रंजू उनियाल, डॉ0 सृजना राणा, डॉ0 प्राची फर्त्याल, डॉ0 मनीषा सती, डॉ0 ज्योति गैरोला, निकिता चौहान, मेहताब सिंह, अर्जुन, नरेंद्र बकरारी एवं 70 स्वयंसेवीओं को प्रशिक्षित किया गया।