कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-9 )
द्वितीय सत्यापन का क्या हुआ?
विक्रम बिष्ट*
मुख्य सचिव कार्यालय ने जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल से प्राप्त सत्यापन संबंधित पत्र पृष्ठांकन संख्या 1903 दिनांक 28 फरवरी को आवश्यक कार्रवाई हेतु अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण विभाग को भेजा गया। इस पर क्या आवश्यक कार्यवाही हुई?
5 मई 2015 को जिला समाज कल्याण अधिकारी ने टिहरी की अन्य शिक्षण संस्थाओं के साथ स्वामी पूर्णानंद डिग्री कॉलेज के 50 छात्रों की छात्रवृत्ति जारी कर दी। उल्लेखनीय है कि कालेज द्वारा अग्रसारित 61 छात्र-छात्राओं में से 11 के आवेदन निर्धारित शर्तें पूरी नहीं होने के कारण जांच के बाद समाज कल्याण विभाग ने निरस्त कर दिए थे।
पूर्व में लिखा गया है कि 14 नवंबर 2014 को जारी शासनादेश में स्पष्ट कहा गया है कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों एवं डीबीटी योजना के अंतर्गत धनराशि का सीधे लाभार्थियों के खातों में भुगतान किया जाएगा। छात्रवृत्ति एवं शुल्क क्षतिपूर्ति का भुगतान राष्ट्रीय कृत बैंकों में खोले गए छात्रों के सीबीएस खातों के माध्यम से किया जाएगा।
5 मई 2015 को जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जिन 15 बैंकों को चेक से छात्रवृत्ति भेजी थी उनमें अल्मोड़ा अर्बन सहकारी बैंक भी शामिल है। बैंक को पूर्णानंद कॉलेज के 42 छात्रों सहित छात्रवृत्ति ई पेमेंट/ ई ट्रांसफर से हस्तांतरण के लिए चेक संख्या 877693 से कुल 15 लाख 80 हजार 400 रुपये भेजे गये थे। यहां कुछ सवाल हैं जो समुचित जवाब मांगते हैं?
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कल अवश्य पढ़िए– कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-10)