20 नवंबर बाल अधिकार दिवस पर विशेष “बाल अधिकारों को समझें सब
डॉ सुरेंद्र दत्त सेमेल्टी
गढ़ निनाद समाचार* 20 नवम्बर 2020
नई टिहरी।
बाल अधिकारों को समझें सब, खुशियां खिंच आएगी तब।
बने न ये कुपोषण के शिकार, जाएं न जीवन की जंग से हार।
दें इन्हें शिक्षा और संस्कार, साथ में माता-पिता का प्यार।
बच्चों पर होगा कल का भार रखे,रखें ध्यान जो बाल अधिकार।
जो 6 से14 वर्ष से बाल, शिक्षित करें उन्हें हर हाल।
शिक्षा मिले उन्हें निशुल्क,हर शहर गांव कोई भी मुल्क।
टीसी देने में करें ना विलंब, जैसे ही मांगे दे अव
अविलंब।
आयु के अनुसार दें कक्षा में प्रवेश,प्रशिक्षण से प्राप्त करवायें शिक्षा शेष।
प्रशासन रखे कार्यों पर निगरानी,हो ना सके बाल अधिकारों की हानी।
कमजोर वंचित का रखें पूरा ध्यान, मुफ्त अनिवार्य शिक्षा का हो सबको ज्ञान।
भोजन गणवेश पुस्तकें और शुल्क, प्राप्त करें बच्चे सारे निशुल्क।
आयु प्रमाण पत्र बिना रोके नहीं प्रवेश, जन्म मृत्यु प्रमाण के वैद्य माने देश।
प्रारंभिक शिक्षा अपूर्ण हो तो करें ना उसको फेल।
निकाले ना उन्हें स्कूल से, अन्यथा जाओगे जेल।
शारीरिक मानसिक सजा, कभी ना पाए बाल।
आरटीआई के उल्लंघन से फंसोगे कानून के जाल।
अनधिकार शुल्क टेस्ट की करे ना कोई भूल।
जो जबरन ऐसा करें, पछतायेगा वह स्कूल।
हर स्कूल में गठन करें, एक प्रबंधन समिति।
विद्यालय विकास की सदा, जो बनाती रहे नीति।
समाज के जितने वर्ग हैं, हो प्रतिनिधि उनमें सबका।
लगाएं प्रत्येक स्कूल में एक-एक शिकायत पेटिका।
अध्यापक-अभिभावक संघ का सब विद्यालय करें गठन।
होगा इससे निश्चित ही हर जगह अच्छा पठन।
कक्षा कक्ष शौचालय जल और रसोई घर खेल मैदान।
चार दीवारी शिक्षक उपकरण, ये सब बाल अधिकार की पहचान।
करें ना शिक्षक प्राइवेट ट्यूशन, ईमानदारी ही समझे महान धन।
न दें शिक्षकों को अतिरिक्त काम, बाल विकास कर कमाए सब नाम।