त्रिवेंद्र का इस्तीफा: चार साल का जश्न मनाने का भी नहीं दिया मौका, नौ दिन पहले ही छीन ली कुर्सी
आरएसएस व संगठन में सेवा का ही प्रतिफल था कि 4 साल सीएम रहा
गढ़ निनाद समाचार। देहरादून।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है।
राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया से कहा कि मैं लंबे समय से आरएसएस व संगठन में रहा। उसी का प्रतिफल था कि पार्टी ने उत्तराखंड राज्य का मुख्यमंत्री बनाकर मुझे सेवा करने का मौका दिया। मैं एक छोटे से गांव का रहने वाला एक फ़ौजी परिवार से आता हूँ जहां आज भी 7-8 परिवार रहते हैं ऐसे व्यक्ति को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना कर जो सम्मान दिया, मैं सोच भी नहीं सकता।
कहा कि वैसे तो कई महत्वपूर्ण फैसले हमने इस 4 साल के कार्यकाल में लिए किंतु मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना बहुत लाभकारी योजना हमने महिलाओं के लिए शुरू की थी अगले सीएम निश्चित उसे पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि कल सुबह 10:00 बजे विधायक दल की बैठक होगी जिसमें सभी विधायक मौजूद रहेंगे।
पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि राज्य में जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था तो उन्हें अचानक क्यों हटाना पड़ा। उनसे क्यों इस्तीफा लिया गया। इसके जवाब में त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि भाजपा में सामूहिक विचार के बाद फैसले होते हैं। हटाया क्यों गया,अगर बजह आपको जाननी है तो इसके लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति को और सुदृढ़ बनाने के लिए उन्हें पद छोड़ना पड़ा है। 4 मिनट के संक्षिप्त भाषण में श्री रावत तल्ख एवं असहज दिखे।