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बुधू: “अपशकुनी घौर”

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“अपशकुनी घौर !” जी बुधू ने ठीक सुना। त्रिवेंद्र सिंह रावत जब मुख्यमंत्री बने थे। उन दिनों नए मुख्यमंत्री आवास की साज-सज्जा रंग रोगन अभियान जोरों पर था। इस आवास को लेकर एक मिथक है कि जो मुख्यमंत्री इस आवास में आता है वह कभी कार्यकाल पूरा नहीं करता। बुधू को तो पहले से पता था।त्रिकालदर्शी जो ठहरा।

जब पत्रकारों ने त्रिवेंद्र रावत से पूछा कि जो नया सीएम आवास है वह तो अपशकुनी है। वहां कोई मुख्यमंत्री जाना नहीं चाहता। तो क्या आप जाना चाहेंगे। इस पर त्रिवेंद्र रावत का जवाब था कि मैं पूरे 5 साल का कार्यकाल इसी आवास से  पूरा करूंगा और इस मिथक को तोड़ दूंगा। काश! ऐसा होता। लेकिन हुआ नहीं। 

अब बुधू के अंदर का त्रिकालदर्शी जागा। देखा तो समझ गया बेटा…यह भी.. गया। देखते देखते मिथ्थक तो नहीं टूटा पर कुर्सी जरुर चली गयी। 

बुधू निराश हताश। अबे यार ये क्या हो गया! जिसका डर था वही हो गया। 

बुधू अब तक नही समझा कि त्रिवेंद्र रावत जहां 18 मार्च को अपने 4 साल की खुशी में जश्न की पूरी तैयारी कर रहे थे, ठीक 9 दिन पहले भाजपा हाईकमान ने जोर का झटका धीरे से क्यों दे दिया और उन्हें चारों खाने चित कर दिया। इसके पीछे भाजपा हाईकमान का क्या आकलन है। क्या गणित है। यह तो वही जानेंगे। बुधू चला अगले सीएम की खोजबीन में। 

बुधू रात भर सोचता रहा कि जिस भाजपा को जनता ने पूरे 5 साल राज करने के लिए दो तिहाई से ज्यादा बहुमत दिया उसको अस्थिर करने के लिए जनता हाई-कमान को तो कभी माफ नहीं करेगी। विपक्ष अस्थिर करता तो बात समझ में आती। 

इस बीच बुधिया बोली तुम्हारी तो मति मारी गई इतनी बात भी समझ मे नहीं आयी कि बिना हा-ई-कमान, बिना अपने विधायकों को भरोसे में लिए गर्मी वाली राजधानी और अब मंडल बनाओगे तो ऐसा ही होगा न। बेचारी महिलाओं पर हाय-राम ले दना-दन, ले दना-दन बरसाओगे तो श्राप तो मिलना ही था न, कलियुग है भाई।

अब बुधू गंभीर मुद्रा में। सोचता है कि जो नया सीएम बनेगा वह 9-10 महीने में ऐसी कौन सी जादुई छड़ी चलाएगा की 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 57 से बढ़ाकर 60 सीटें दे देगा।

इधर किसानों ने अलग सरदर्द कर रखा है, इधर गैस पेट्रोल के दाम हाई.. बेरोजगार सड़कों पर, किस-किस की सुनता बेचारा, इससे बढ़िया तो…। 

बुधू की दृष्टि अब कल पर टिकी है। गढ़वाल से बनेगा, कुमांयू से बनेगा, ठाकुर बनेगा ब्राह्मण बनेगा। विधायकों से बनेगा, सांसद बनेगा कुछ समझ नहीं आ रहा। इसी उधेड़बुन में.. खुर्ररान्टे मारता है और सो जाता है। सपने में देखता है कि धन सिंह रावत सीएम और पुष्कर धामी उप सीएम बन गये। बुधू का सपना सच होता है या नहीं कल तक का इंतजार करना होगा।  आपका  बुधू।


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Govind Pundir

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