तीसरी लहर रोकने के लिये अभी से उठाएं प्रभावी कदम -किशोर
नई टिहरी। वनाधिकार आन्दोलन के प्रणेता और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री से कहा है कि COVID-19 की रोकथाम के लिये और सम्भावित तीसरी लहर को रोकने के लिये अभी से प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
उपाध्याय ने कहा कि भाजपा अगर “भराड़ी सैंण-भराड़ीसैंण और मुख्यमंत्री-मुख्यमंत्री” के खेल में व्यस्त न होती तो इतने अधिक लोग कोरोना से संक्रमित न होते और न अकाल मृत्यु के ग्रास बनते।शायद प्रदेश का कोई सौभाग्यशाली बिरला परिवार होगा जो इस त्रासदी से अछूता रहा हो, जिसने अपने प्रिय और सगे सम्बन्धी की दर्दनाक मौत का दंश न झेला हो।
उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के दौरों से आ रहा हूँ, वहाँ तो पहले दिन बुख़ार आया और तीसरे-चौथे दिन मरीज़ ने दम तोड़ दिया, न जाँच, न दवाई, न कोई राहत। अभी भी स्थिति दयनीय होगी क्योंकि मानसून आ रहा है, कोरोना आपदायें, मलेरिया, डेंगू आदि और भी संकट मुँह बायें खड़े होंग़े, सरकार “सुनिंद” सोयी हुई है, नक़ली उद्घाटनों में व्यस्त है या 2022 के विधान सभा चुनावों की फ़िक्र में मस्त है।
उपाध्याय ने कहा कि त्रि-स्तरीय ढाँचा तैयार करना इस त्रासदी में समय की आवश्यकता है। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधानों व आशा आदि कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर आवश्यक जीवन रक्षक दवा, ऑक्सिजन आदि की व्यवस्था के साथ साथ सुविधा युक्त आसोलेशन कक्ष की व्यवस्था हो, 24 घण्टे एम्बुलेंस उपलब्ध हो, रात में भी सीएचसी पीएचसी में डॉक्टर उपलब्ध हों।
उन्होंने कहा कि ज़िला अस्पताल मात्र रेफरल सेंटर बनकर रह गये हैं, उनको सुदृढ़ करना ज़रूरी हो गया है, जिससे मरीज़ों को मैदानी क्षेत्र के अस्पतालों की ओर न भागना पड़े।ज़िला अस्पतालों की व्यवस्था सरकार अपने हाथों में वापस ले। पहाड़ी क्षेत्र से मैदानी क्षेत्र में आने वाले मरीज़ों के लिये सरकारी व निजी अस्पतालों में बिस्तर आरक्षित रखे जाँय ताकि उन्हें परेशानी न हो।
इसके अलावा उत्तराखंडियों के लिये सभी सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधायें निशुल्क हों।टीकाकरण ग्रामीण स्तर पर किया जाय। अभी एक व्यक्ति जो देहरादून में रहता है, उसकी बारी घनसाली के टीकाकरण केन्द्र पर आयी है। उपाध्याय ने चिंता जताई कि अगर सरकार नहीं जागी तो कोविड की तीसरी लहर बड़ी घातक हो सकती है।