नई टिहरी (6) “मिनी स्विट्जरलैंड”…….
*विक्रम बिष्ट*
नई टिहरी। नई टिहरी के कारीगरों ने यहां औधोगिक, व्यवसायिक, पर्यटन और शैक्षिक विकास की संभावनाओं की ठोस बुनियाद तलाशने के लिए कितनी ईमानदार कोशिशें की हैं, यह सामने है।
इस शहर में लगभग आधा दर्जन आटा चक्कियों जैसी कुछ लघु इकाइयों में कितने लोगों को रोजगार देने की क्षमता हो सकती है। नई टिहरी में पर्यटक क्या देखने आए ? भूले भटके आ गए तो दो दिन क्यों रुकें कि होटल रेस्टोरेंटस में कई युवाओं को रोजगार मिले।
हाल के वर्षों में होटल मैनेजमेंट, नर्सिंग कॉलेज, हाइड्रो इंजीनियरिंग जैसे शिक्षण संस्थान स्थापित किए गए हैं । लेकिन नगर निर्माण के साथ इनके लिए जरूरी ढांचा बनाने की कल्पना भी नहीं की गई। इसे महज एक पुनर्वास बस्ती के रूप में बदल दिया गया है।
टिहरी बांध ने यहां एक खास किस्म की राजनीति को प्रश्रय दिया है, जिसमें रातों- रात अमीर बनना इकलौता लक्ष्य रहा है । नेता, इंजीनियर्स और अन्य सफेदपोशों की ऐसी दुरभिसंधि जिसमें अपनों के अलावा किसी के भविष्य की चिंता नहीं थी। जारी….