सम्पूर्ण उत्तराखण्ड को ओबीसी घोषित करें-किशोर उपाध्याय
नई टिहरी। वनाधिकार आन्दोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री व विधान सभा अध्यक्ष से उत्तराखंडियों को अविलम्ब OBC घोषित करने को कहा है।
उपाध्याय ने मुख्यमंत्री और विधान सभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा OBC सूची में विस्तार का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है।
उपाध्याय ने कहा कि मण्डल कमीशन यदि हरिद्वार से ऊपर पहाड़ की ओर रुख़ करता तो आज का पूरा उत्तराखंड आरक्षण की परिधि में होता और केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण आदि के लाभ ले रहा होता।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी हमारी पहली माँग उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार की राजकीय सेवाओं में आरक्षण की थी। पृथक राज्य की माँग दूसरे नम्बर पर थी। हमें पूर्व में ही हिमालय के पूर्वोत्तरी राज्यों की भाँति सुविधायें मिलनी चाहिये थीं।
हमारे पूर्वज आखेट, पशु चारण या झूम की खेती से अपना जीवन यापन करते थे। एटकिन्शन आदि अग्रेजों के दस्तावेज इसकी तस्दीक़ करते हैं। वनाधिकार आन्दोलन पुख़्ता आधारों पर विगत कई वर्षों से पुरजोर तरीक़े से उत्तराखंडियों को Forest Dweller घोषित करने और 2006 का वन अधिनियम राज्य में लागू करने हेतु संघर्षरत है।
उन्होंने कहा कि अभी विधान सभा का सत्र आहूत किया गया है। इस सत्र में सरकार इस आशय का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित करे और आप प्रधानमंत्री जी से सर्व पक्षीय व सर्व दलीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ मिल कर उत्तराखंडियों को OBC घोषित कर न्याय दिलाने का पुण्य कार्य करें।
उपाध्याय ने आशा व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री व विधान सभा अध्यक्ष इस विधान सभा सत्र में उत्तराखंडियों की इस आशा को पूरा करेंगे ।
उपाध्याय ने कहा है कि उत्तराखंडियों को इस स्वतन्त्रता दिवस पर आपकी ओर से इस सदी और आपके जीवन का स्वर्णिम उपहार होगा।