जेजेएम की कार्यशाला में प्रतिभाग न करना 4 एनजीओ को पड़ा भारी
नई टिहरी । जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में
आयोजित जल जीवन मिशन के अंतर्गत फील्ड टेस्ट किट प्रशिक्षण की एक दिवसीय प्रयोगशाला में 4 संस्थाओं द्वारा प्रतिभाग न किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उक्त संस्थाओं के कार्यादेश स्थगित करने के साथ ही अग्रिम भुगतान रोकने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ठ कहा कि जेजेएम के कार्यों में खानापूर्ति न हो बल्कि जल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर सभी संस्थाओं को गंभीरता व गुणवत्ता से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संस्थाओ द्वारा किये गए कार्यो का गठित टीमो द्वारा स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा।
जल संस्थान के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय फील्ड टेस्ट किट प्रशिक्षण प्रयोगशाला में 20 में से 16 एनजीओ उपस्थित हुए जबकि अन्य 4 एनजीओ की अनुपस्थित रहे। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए अधिशासी अभियंता जल संस्थान सतीश नौटियाल को तत्काल प्रभाव से चारों एनजीओ के कार्यादेश स्थगित करने के साथ ही अग्रिम भुगतान रोकने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि जल के संरक्षण के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता का होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड हिमालयी राज्य होने के नाते इस क्षेत्र में जल का संरक्षण और संवर्द्धन पर ईमानदारी व गंभीरता से कार्य होना चाहिए, ताकि हिमालयी क्षेत्रो से निकलने वाली जीवनदायी नदियों में निरंतर पानी बहता रहे।
प्रयोगशाला में जल जीवन मिशन की सहयोगी संस्थाओं को पानी की गुणवत्ता मापने की दस पद्धतियों (पैरामीटर) के बारे में प्रयोगात्मक जानकारी दी गई। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर ये संस्थाए ग्राम स्तर पर गठित पांच महिला सदस्यों को पानी की गुणवत्ता मापने का प्रशिक्षण देंगी। जल जीवन मिशन के दूसरे चरण में पानी की गुणवत्ता को मापने के लिए प्रत्येक राजस्व ग्राम में गठित महिला समिति को एक-एक फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके माध्यम से महिलाएं अपने गांव के पेयजल की गुणवत्ता माप कर उसकी रिपोर्ट जेजेएम पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे।
प्रयोगशाला में जल की गुणवत्ता मापने के दस पैरामीटर जिमसें पानी की कठोरता, अम्बलीयता, क्षारीयता, क्लोराइड, क्लोरीन, लौहतत्व, नाइट्रेट, फ्लोराइड, बेक्टिरिया आदि के बारे में विस्तृत एवं प्रयोगात्मक जानकारी जेजेएम की सहयोगी संस्थाओं को दी गई।
प्रयोगशाला में जल संस्थान की लैब केमिस्ट पिंकी तोपवाल के अलावा जेजेएम की सहयोगी संस्थाओ के टीम लीडर व ग्रामीण महिला सदस्य उपस्थित रहीं।