विधानसभा चुनाव 2022: रुझान
नवीन सुयाल ‘अज्ञ’ की लेखनी से-
नई टिहरी। विधानसभा चुनाव के परिणाम आने में अब मात्र 20 से 21 दिन बाकी है। व्हाट्सएप और फेसबुक पर तमाम तरह के राजनीति के परिणामों के रुझान सामने आने लगे हैं। रुझान क्या है? कैसे हैं ? इनमें कितनी सत्यता है यह आगे चलकर कितने सत्य साबित होंगे यह देखने वाली बात होगी; किंतु फिलहाल जनमानस के अंतस में एक बात तय हो चुकी है की कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत नहीं ला पा रही है।
सत्ता में बैठने के लिए एक बार फिर से निर्दलीय प्रत्याशियों अथवा अन्य पार्टियों के समर्थन की जरूरत दोनों ही पार्टियों को पड़ने वाली है ,यह बात स्पष्ट है । मेरा जो अपना अनुमान है एक पार्टी कम से कम 29 से 31 सीट ला रही है तथा दूसरी मुख्य पार्टी 30 से 33 सीट ला सकती है। कुल मिलाकर दोनों पार्टियों की सीटों को अगर जोड़ लिया जाए तो अन्य सीटें बचती हैं लगभग 6 से 8 । इन्हीं 6 से 8 सीटों को अपनी ओर जो ले आएगा वही पार्टी सत्तासीन होगी ऐसा मेरा मानना है।
इन 6 से 8 सीटों में लगभग 3 से 4 सीटें बसपा की रहने वाली है और जहां तक बात जाए बसपा के समर्थन की तो बसपा सुप्रीमो मायावती ही पहले ही भाजपा को समर्थन देने की बात उत्तराखंड में कह चुकी है। साथ ही साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर लक्सर प्रत्याशी संजय गुप्ता के लगाए आरोपों के अनुसार माने तो पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मदन कौशिक जी ने बहुत चालाकी का कार्य किया है जिसे आप बैकअप प्लान भी कह सकते हैं । यही भाजपा एवं उनके प्रचारकों की विशेषता है कि वे फील्ड में जो वर्क करते हैं और फील्ड्स में जानकारी प्राप्त करते हैं लगभग वे परिणामों के आसपास ही होते हैं ।
इसी फील्ड वर्क के कारण वे भाँप चुके थे कि लगभग हो सकता है कि बहुमत न प्राप्त हो। इसके लिए बाद में जोड़-तोड़ के बजाय पहले ही किसी पक्ष को अपने पक्ष में कर लिया जाए और अपने अनुमानित गणित के अनुसार बसपा को प्राप्त 4 सीट मानते हुए उन्होंने लक्सर सीट का त्याग कर देना उचित समझा एक सीट के त्याग से भाजपा के पक्ष में 4 विधायकों का समर्थन आएगा जो कि घाटे का सौदा नहीं है। अब देखना यह होगा बाकी बचे तीन अथवा 4 निर्दलीय प्रत्याशी क्या कांग्रेस को समर्थन देंगे ?? क्या कांग्रेस बसपा के 4 प्रत्याशियों में से एक या दो को अपनी ओर खींच पाएगी अगर ऐसा संभव ना हुआ तो यह निश्चित है गठजोड़ से ही सही एक बार फिर से उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनने वाली है और इसमें काफी हद तक हाथ है कांग्रेस के अंतर्कलह का ।
एक बार फिर से 10 तारीख के बाद आपके ये 8 विधायक हायर कर लिए जाएंगे और शुरू होगा एक बार फिर बोलियां लगने का दौर। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन विधायक किस तरफ रुख करता है और किस शर्त पर रुख करता है। कौन सी शर्त के अनुसार कौन सा निर्दलीय विधायक किस कैबिनेट पद पर आसीन होता है। यह देखना उत्तराखंड की राजनीति में दिलचस्प होगा।