पर्यटन को लगेंगे पंख, सीएम ने सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे का किया शुभारंभ
5 करोड़ की लागत से बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है। क्षमता लगभग 500 व्यक्ति प्रति घंटा है। 5 से 10 मिनट में पहुंचेंगे मंदिर
नई टिहरी। बहुप्रतीक्षित सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे का 1 मई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने मां सुरकंडा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए लगभग 05 करोड़ की लागत से बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है। इसकी क्षमता लगभग 500 व्यक्ति प्रति घंटा है। अब आसानी से 5 से 10 मिनट में सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इस रोपवे का निर्माण राज्य पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी को इस क्षेत्र में स्थाई हेलीपैड के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मां सुरकंडा देवी के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता होगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे परियोजना यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन है।
राज्य सरकार द्वारा केंद्र की पर्वतमाला योजना के अंतर्गत जनपदों में विभिन्न रोपवे परियोजनाओं के निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है। टिहरी जनपद में लगभग 42 वर्ग किलोमीटर में फैली विशालकाय झील में विभिन्न साहसिक जल क्रीड़ाओ का संचालन किया जा रहा है। इस झील में पर्यटन से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य में सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। 2025 में जब हम उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएंगे, उस समय उत्तराखंड हा क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में होगा। चारधाम यात्रा में इस वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर सुविधा मिले, इसके पूरे प्रयास किए गए हैं।
इसके साथ ही श्रद्धालु रोपवे के माध्यम से प्राकृतिक नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद भी ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद यह राज्य का एक महत्वपूर्ण रोपवे है जिसका राज्य पर्यटन विभाग द्वारा निर्माण किया गया है। कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न धार्मिक, साहसिक पर्यटन स्थलों तक श्रद्धालु एवं पर्यटक आसानी से पहुंच सके और साल भर यहां पर आवागमन रहे, इसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ परिसर को काफी क्षति पहुंची थी, जिसके पुरनिर्माण में मा. प्रधानमंत्री जी की विशेष रुचि रही। केदरनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है द्वितीय चरण का कार्य गतिमान है तथा तृतीय चरण की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर होटलों में 2 माह पूर्व में ही अधिक से अधिक बुकिंग हो चुकी हैं। इससे पता चल रहा है कि इस बार की चार धाम यात्रा में पिछले कई सालों का रिकॉर्ड टूटेगा।
उन्होंने कहा कि भारतमाला श्रृंखला की तरह पर्वतमाला शुरू की गई है, जिसमें इस बार के बजट में एक लाख करोड़ की व्यवस्था की गई है। कहा कि उत्तराखंड जब 2025 में रजत जयंती मना रहा होगा, तब उत्तराखंड देश के श्रेष्ठ राज्यों में से एक राज्य होगा और इसके लिए सबको मिलकर कार्य करना है। कहा कि यह हमारी एक सामूहिक यात्रा है और इसे गंतव्य तक पहुंचाने में सभी की भागीदारी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि टिहरी झील के लिए पहले 12 सौ करोड़ की योजना बनी थी, इसके लिए पुनः 800 करोड़ का अतिरिक्त प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है, ताकि उस क्षेत्र को विकसित कर पर्यटन के मानचित्र पर लाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में एक समान कानून लागू करने की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा सरल, सुगम एवं सुविधाजनक हो, सभी विभाग तालमेल बनाकर कार्य कर रहे हैं।
इससे पूर्व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चार धाम यात्रा में इस बार 40 हज़ार लोग रोज मंदिरों में पहुंचकर भगवान के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि शौचालयों की साफ सफाई व कोविड नियमों का विशेष ध्यान रखें।
इस अवसर पर विधायक धनोल्टी प्रीतम सिंह पंवार, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीडीओ नमामि बंसल, एडीएम रामजी शरण शर्मा, जिलाध्यक्ष विनोद रतुड़ी, उपजिलाधिकारी धनोल्टी लक्ष्मीराज चौहान, टिहरी अपूर्वा सिंह व मन्दिर समिति के कार्यकर्ता, पुजारी तथा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रदालु उपस्थित थे।