राशन कार्ड सरेंडर करने को स्थिति स्पष्ट करने हेतु सीएम पोर्टल पर की शिकायत
नई टिहरी। देश और प्रदेश की जनता आजकल अपने राशन कार्डों (सफेद, पीला, गुलाबी)को सरेंडर/जमा करवाने के लिए ऊहापोह की स्थिति में है। इसका कारण डबल इंजन की सरकार का अस्पष्ट और ढुलमुल रवैया है। अधिकारियों को ही सरकार का कोई स्पष्ट आदेश है या नहीं कोई बताने को तैयार नहीं है ?,कौन पात्र है ?, कौन अपात्र है ? न तो राशन डीलर को पता है, न ही अधिकारी कर्मचारियों को, ऐसे में जनता परेशान है । भाजपा ने चुनाव में फ्री राशन के नाम से जनता का वोट लेकर सत्ता तो पा ली है, लेकिन अब कार्ड जमा करने के कथित निर्देश है, और राशन कार्ड सरेंडर करने की अंतिम कथित तिथि 31 मई 2022 है।
स्थिति स्पष्ट न होने के कारण आज से कुछ दिन पूर्व मैने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया था, किंतु सरकार के किसी भी जिम्मेदार मंत्री, विधायक या भाजपा नेता ने स्थिति स्पष्ट नहीं की, इसलिए आज मैंने मुख्यमंत्री जी के समाधान पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है।
उम्मीद है सरकार 31 मई 2022 से पहले स्थिति स्पष्ट करेगी ताकि व्यापक जनहित में जनता को मार्ग दर्शन मिल सकेगा, कि कौन पात्र है, और कौन अपात्र है, किसे कब राशन कार्ड जमा करने है या नहीं?
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” ज्ञात हो कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने से पूर्व माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जस्टिस वाधवा कमेटी का गठन किया था, इस कमेटी ने देश भर का भ्रमण कर 17 जिलों की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
इस अहम कमेटी ने टिहरी जिले को पायलट जिले के रूप में चुना था, टिहरी जिले में इस अहम कमेटी में अधिवक्ता श्री पराग जैन, अधिवक्ता श्री शांति प्रसाद भट्ट सदस्य रहे है। इस कमेटी की रिपोर्ट माननीय सर्वोच्च न्यायालय में समेट होने के बाद ही खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू हुआ था। हमारे देश की खाद्य वितरण प्रणाली दुनिया भर में सराही जाती है”।
शांति प्रसाद भट्ट
पूर्व सदस्य, जस्टिस
वाधवा कमेटी पी डी एस सिस्टम