मुख्यमंत्री धामी ने रिकॉर्ड जीत हासिल कर बचा ली कुर्सी
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा उपचुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल कर ली है। उन्होंने रिकॉर्ड 54,121 वोट से कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को हरा दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी गहतोड़ी अपनी जमानत तक नही बचा सकीं। इस जीत के साथ ही जहां पुष्कर धामी ने अपनी कुर्सी बचा ली है
धामी को कुल 57268 वोट पड़े जबकि कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को मात्र 3607 वोटों से संतोष करना पड़ा। वहीं सपा प्रत्याशी मनोज कुमार को 409 वोट तो निर्दलीय प्रत्याशी हिमांशु गरकोटी को 399 और नोटा को 372 मत प्राप्त हुए।
तो अब तक उपचुनाव में इतने मतों से नहीं जीता कोई सीएम
उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पांचवें ऐसे मुख्यमंत्री है, जो विधानसभा के उपचुनाव के लिए मैदान में उतरे। अब तक कोई मुख्यमंत्री उपचुनाव में इतने मतों से नहीं जीता है। इसी के साथ प्रदेश में भाजपा ने एक नया इतिहास जोड़ दिया है।
चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री ने क्या कहा देखिए “मैं उत्तराखंड की महान जनता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। ये उसी जनता की जीत है जिसने मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को अपने सर माथे पर बिठाया है। ये आपके भरोसे की जीत है। ये जीत मुझे उत्तराखंड की जनता की सेवा में प्राणपण से जुटे रहने का आदेश दे रही है। इस मौके पर मैं अपने यशस्वी प्रधानमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जिनके सतत मार्गदर्शन ने मुझे इस लायक बनाया कि आज मैं उत्तराखंड की जनता के स्नेह और आशीर्वाद का पात्र हूं। प्रधानमंत्री मोदी की सेवा, साधना और तपस्या हम सभी के लिए आदर्श का एक मानक बन चुकी है। ये एक ऐसा मानक है जिसकी ओर बढ़ते हुए हम खुद को निखारते जाते हैं, जन सेवा की राह में स्वयं को मांजते जाते हैं। चंपावत विधानसभा का ये उपचुनाव केवल जीत हार की लड़ाई नहीं थी। इस उपचुनाव की ओट में उत्तराखंड को सजाने, संवारने और प्रगति का स्वर्णिम अध्याय रचने के स्वप्न भी छिपे हुए थे। ये 55025 वोटों की ऐतिहासिक जीत इन्हीं सपनो को पूरा करने के संकल्प की प्रतिध्वनि है। हमने प्रधानमंत्री मोदी के आशीर्वाद से उत्तराखंड की जनता के जीवन को सुखमय बनाने का यज्ञ शुरू किया है। ये जीत इस यज्ञ की पूर्णता की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम साबित होगी। मैं अपने चंपावत के लोगों को भी यकीन दिलाता हूं कि उनकी हर पुकार, हर आग्रह, हर आदेश पर मैं स्वयं सेवा में हाज़िर रहूंगा। मैं इस प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। मेरे जीवन का मकसद ही इस प्रदेश की सेवा है। पर एक जनप्रतिनिधि होने के नाते चंपावत के प्रति मेरे कुछ विशिष्ट उत्तरदायित्व भी हैं। मैं पूरे मनोयोग और समर्पण से उन उत्तरदायित्वों की सिद्धि की कोशिश करूंगा। चंपावत की जनता ने विरोधियों के जिस छ्द्य जाल को अपनी दूरदर्शी आंखों से भेदकर मुझे ये जीत दिलाई है, उनके प्रति मेरे हृदय में सदैव के लिए विशेष आभार है। एक बार फिर से उत्तराखंड की इस महान जनता को मेरा सादर प्रणाम और अभिवादन।”