कोटेश्वर-झंड़ीधार पंम्पिंग पेयजल योजना ढाक के तीन पात
*29 ग्राम सभाओं के 103 तोकों के हलक बुझाने में नाकामयाब रही योजना
*जल संस्थान और विद्युत विभाग के बीच समन्वय स्थापित न होने का खामियाजा भुगत रही जनता
नई टिहरी। देवप्रयाग विधानसभा अंतर्गत कोटेश्वर झंडी धार पम्पिंग पेयजल योजना का निर्माण विकासखण्ड देवप्रयाग के 29 ग्राम सभाओं के 103 तोकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। योजना का 2016 में भव्य समारोह के साथ लोकार्पण किया गया था।
झंडीधार पपिंग योजना के अंतर्गत देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र का पौड़ी खाल, रौड धार, जामनी खाल और कुछ हिस्सा हिसरियाखाल का आता है । यह देवप्रयाग विधानसभा का सबसे सूखाग्रस्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता है ।
2016 में जब योजना का लोकार्पण हुआ तो यहां की जनता काफी राहत महसूस करने लगी थी कि हमे अब पेयजल के रूप में भागरथी का स्वच्छ पानी मिलेगा , मगर सरकार और विभाग की मिलीभगत के चलते यह योजना अभी आधी अधूरी है क्योंकि पंपिंग योजना जबसे शुरू हुई है इसके फिल्टर कार्य करते ही नहीं है। जनता को शुद्ध जल के बजाय गंदा और खराब पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यही नहीं आये दिन IPS टैंक, मैन टैंक में कुछ न कुछ समस्याएं आती रहती हैं। जलसंस्थान और बिजली विभाग के दो पाटों के बीच भोलीभाली जनता पीस रही है और विभाग व जनप्रतिनिधि कान में रुई लगाकर बैठें हैं।
ग्राम पंचायत चपोली के बहुत ही जागरूक और पूर्व सैनिक विक्रम सिंह पंवार ने कई बार शोसल मीडिया, जलसंस्थान, स्थानीय विधायक एवं जिला प्रशासन को लिखित और मौखिक शिकायत भी की मगर स्थिति आज भी ढाक के तीन पात जैसी है। योजना के फिल्टर टैंक सफेद हाथी साबित हो रहे हैं और जनता गंदे पानी को पीने के लिए मजबूर है।
ग्राम प्रधान चपोली श्रीमती आशा देवी
एवं पूर्व सैनिक विक्रम सिंह पंवार ने विभाग एवम जिला प्रशासन से मामले का जल्द संज्ञान लेने की मांग की है अन्यथा क्षेत्रीय जनता को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।।