डॉ. अंजू बाला ने एसजेवीएन में आरक्षण नीति के कार्यान्वयन संबंधी मॉनीटरिंग बैठक की अध्यक्षता की
देहरादून। एसजेवीएन कारपोरेट मुख्यालय, शिमला में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य, डॉ. अंजू बाला ने आरक्षण नीति के कार्यान्वयन संबंधी मॉनीटरिंग बैठक की अध्यक्षता की। श्री एस. के. सिंह, निदेशक, एनसीएससी, श्रीमती गीता कपूर निदेशक (कार्मिक), श्री एस. पी. बंसल निदेशक (सिविल) तथा श्री सुशील शर्मा निदेशक (विद्युत) सहित निगम के सभी विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी इस बैठक में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक) ने अवगत कराया कि एसजेवीएन आरक्षण नीति के कार्यान्वयन संबंधी भारत सरकार के निर्देशों का गंभीरतापूर्वक पालन कर रहा है। आज की तिथि तक पदों को भरने से संबंधित कोई बैकलॉग नहीं है तथा पदोन्नति से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि एसजेवीएन ने अपनी गतिविधियों को डॉ. भीमराव अंबेडकर के विजन के साथ जोड़ा है और वह न केवल उपेक्षित वर्ग के लिए अपितु प्रत्येक भारतीय के लिए एक महान दूरदर्शी नेता थे।
अपने संबोधन में अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉ. अंजू बाला ने कहा कि एसजेवीएन विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है और एसजेवीएन के कर्मचारी सामंजस्यता से अपना कार्य कर रहे हैं तथा प्रबंधन के साथ बेहतर सूझबूझ रखते हैं। डॉ. अंजू बाला ने एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारियों और अनु.जाति के कर्मचारियों के साथ वार्तालाप किया तथा एसजेवीएन की आरक्षण नीति के कार्यान्वयन से वह संतुष्ट थी। एसजेवीएन की आरक्षण नीति के संबंध में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
एसजेवीएन एक अंतर्राष्ट्रीय विद्युत कंपनी है जिसका वर्तमान पोर्टफोलियो 31500 मेगावाट से अधिक है और इसने जलविद्युत, सौर, पवन और थर्मल ऊर्जा, पावर ट्रांसमिशन तथा पावर ट्रेडिंग के क्षेत्रों में विविधीकरण किया है। एसजेवीएन, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित क्षमता के विजन को साकार करने के लिए अग्रसर है। कंपनी वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के अपने साझा विजन को हासिल करने के लिए विकास पथ पर अग्रसर है।