Ad Image

ऋषिकेश परिसर के सुदृढीकरण हेतु कुलपति डाॅ0 ध्यानी ने लिये महत्वपूर्ण निर्णय

ऋषिकेश परिसर के सुदृढीकरण हेतु कुलपति डाॅ0 ध्यानी ने लिये महत्वपूर्ण निर्णय
Please click to share News

नई टिहरी। आजकल कुलपति डाॅ0 पी0पी0 ध्यानी, विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में बैठकर परिसर के हित में अति महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं। पूरा विश्वविद्यालय प्रशासन इस कार्य हेतु ऋषिकेश परिसर में बैठा हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सत्र 2022-23 से क्रियान्वयन हेतु परिसर में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन के बाद कुलपति डाॅ0 ध्यानी ने परिसर में स्थित प्रत्येक विभाग में एक-एक कार्मिक को श्रम विभाग उत्तराखण्ड शासन की प्रचलित दरों पर नितान्त अस्थायी व्यवस्था के तहत रखने का निर्णय ले लिया है, जिसके लिए आज विज्ञप्ति भी प्रकाशित हो चुकी है। बहुत ही जल्दी हर विभाग की सहायतार्थ एक-एक कार्मिक परिसर में उपलब्ध रहेगा। आने वाले समय में और भी व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायेंगी। परिसर के रख-रखाव व सुदढीकरण एवं छात्र-छात्राओं व प्राध्यापकों की विभिन्न समस्याओं को हल करने के लिए प्रथम किश्त के रूप में कुलपति द्वारा रू0 50.00 लाख की वित्तीय स्वीकृति ऋषिकेश परिसर को दी गयी है। यह धनराशि विश्वविद्यालय से अविलम्ब प्राचार्य ऋषिकेश परिसर को अवमुक्त हो जायेगी। ऋषिकेश परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने हेतु सुरक्षाकर्मियों को रखने का निर्णय भी कुलपति द्वारा ले लिया गया है तथा अधियाचन उपनल को प्रेषित कर दिया गया है। बहुत ही जल्दी परिसर में सुरक्षा व्यवस्थाओं हेतु पूर्व सैनिकों की तैनाती हो जायेगी। परिसर में व्यवस्थाओं को चाक-चैबन्द किये जाने हेतु कुलपति द्वारा प्राध्यापकों को पूर्ण भरोसा दिया गया है। मा0 उच्च शिक्षा मंत्रीजी एवं उच्च शिक्षा विभाग की मन्शा व आकांक्षाओं के अनुरूप परिसर में ढांचागत व्यवस्थाओं के विकास का कार्य बहुत जल्दी शुरू होने वाला है। ऋषिकेश परिसर में छात्र-छात्राओं का पूरा फोकस अध्ययन और शैक्षणिक गतिविधियों पर ही रहेगा तथा असमाजिक तत्वों का परिसर में प्रवेश प्रतिबन्धित किया जायेगा। कुलपति द्वारा परिसर में कार्यरत सभी अधिकारी/ कर्मचारियों को अवगत कराया गया कि अभी परिसर ट्रान्जीसन फेज (संक्रमण चरण) में हैं। अभी तक मर्जर प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है, इस कारण विभिन्न समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं। इस सन्दर्भ में शासन से लगातार विचार-विमर्श हो रहा है। परिसर से सम्बन्धित सभी प्रक्रियायें सत्र 2022-23 में पूर्ण हो जायेंगी। विश्वविद्यालय परिसर एक उत्कृष्ट परिसर के रूप में उभरेगा, क्योंकि परिसर में ख्यातिप्राप्त, बेहद अनुभवी और उच्चकोटि के प्राध्यापक हैं। ट्रान्जीसन फेज में धैर्य, संयम व कर्तव्यनिष्ठा से कार्य किया जाना ही समझदारी है। हमें असामाजिक तत्वों को महत्व नहीं देना चाहिए, चूंकि उनका एकमात्र लक्ष्य परिसर व विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करना है, लेकिन वे अपने प्रयासों में कभी भी सफल नहीं हो पायेंगे। यह समय बतायेगा। हमें तो परिसर को बस अपने कर्मों से उत्कृष्ट बनाना है। यही हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परिसर के सुदढीकरण हेतु लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों का परिसर के सभी प्राध्यापकों एवं कार्मिकों द्वारा स्वागत किया गया।

इस दौरान खेमराज भट्ट कुलसचिव, प्रो0एम0एस0रावत, परीक्षा नियन्त्रक व सुनील नौटियाल प्रभारी प्रशासन भी उपस्थित रहे।


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories