संयुक्त विशेषज्ञ समिति ने भागीरथी घाटी के गांवों का सर्वे कर प्रभावित गांवों में जाकर देखी मकान, जमीन और परिसंपत्तियों की स्थिति
नई टिहरी। टिहरी बांध जलाशय में उतार-चढ़ाव के कारण बांध प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे भू-भाव के आकलन के लिए शासन की ओर से गठित संयुक्त विशेषज्ञ समिति के सदस्यों ने पहले दिन भागीरथी घाटी के प्रभावित गांवों राम गांव, तिवाड़ गांव, भलड़ियाना, भल्डगॉव , हाडियाडी आदि का दौरा कर सर्वे किया। समिति मंगलवार को डोबन, सरोठ, चिन्यालीसौड़ आदि का भ्रमण करेगी। साथ ही 1 फरवरी को भिलंगना घाटी का दौरा कर पिपोला खास, उठड़, नारगढ़, पिपोला ढुङ्गमन्दार, पिलखी आदि का भ्रमण करेगी।
इस दौरान प्रभावितों ने समिति के विशेषज्ञों को अपनी समस्याएं बताई। प्रभावितों ने कहा कि काफी लंबे समय से उनके पर जमीन पर दरारें पड़ी हुई है। जिस कारण वह भय में जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में उनका विस्थापन किया जाए। भागीरथी व भिलंगना घाटी के आसपास के गांवों में टिहरी झील के कारण आवासीय भवन, भूमि पर दरारें पड़ी हुई है। प्रभावित इसका आकलन कर पुनर्वास की का मांग कर रहे थे। जोशीमठ की घटना के बाद प्रशासन ने समस्याओं को गंभीरता से लिया और भू-धंसाव के आकलन के लिए समिति बुलाई।समिति सोमवार से तीन दिवसीय भ्रमण शुरू कर प्रभावितों की सिंचित, असिंचित, गौशाला, मकानों आदि का बारीकी से निरीक्षण कर रिपोर्ट शासन को भेजेगी।