पेपर लीक घोटालों में आकंठ डूब चुकी है भाजपा -शान्ति प्रसाद भट्ट प्रवक्ता कांग्रेस
टिहरी गढ़वाल 6 फरवरी । उतराखंड में लगातार भर्ती परीक्षाओ के पेपर लीक के घोटाले सामने आ रहे है, इन घोटाओ से युवा बेरोजगारों में हताशा/निराशा का भाव बढ़ गया है, युवा वर्ग अवसाद में जा रहा है, यूके ट्रिपल एसएस सी, एई जेई, लोकसेवा आयोग के इन पेपर लीक घोटालों में लगातार भाजपा नेताओ के नाम उजागर होने से भाजपाई खेमे में भारी अंतर्द्वद पैदा हो गया, जो कभी भी किसी बड़े राजनैतिक विस्फोट के रूप में जनता देख सकती है, हाकम सिंह हो, या संजय धारीवाल या भाजपा के अन्य नेता कार्यकर्ता हो, इन घोटालों में भाजपाइयों के नाम आने से अब सूत्र बता रहे है, कि भाजपा अपना दामन साफ करने के चक्कर में जबरन कांग्रेस नेताओ/कार्यकर्ताओ के नाम भी इन घोटालों में जोड़ने का षडयंत्र रच रही है, ताकी जनता में कांग्रेस की छवि धूमिल हो, यदि भाजपा ने जबरन यह षडयंत्र रचा तो कांग्रेस चुप नही बैठेगी और ऐसे लोगों को बेनकाब किया जायेगा।
चुकीं प्रदेश की जनता समझ चुकी है, कि कुछ दलबदलु नेताओ को खरीद कर भाजपा ने एन केनप्रकार से अपनी सरकार बनाई है, और जिन दलबदलुओं नेताओ ने भाजपा की सरकार बनाई वे आज अपने को ठगा महसूस कर रहे है, और भारी अवसाद में है, वे दलबदलु अपने अवसाद की खीज क्षेत्रीय जनता पर उतार रहे है।
भाजपा की केंद्रीय सरकार अदानी को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है, आज LIC, आदि के शेयरो में जिस तरह से भारी गिरवाट से निवेशको की राशि डूबने का खतरा मंडरा रहा है, उससे जनता का भरोसा भी बैकिंग प्रणाली पर कमजोर होता है। कांग्रेस पार्टी सहित सभी विपक्षी दल लगातार लोक सभा और राज्य सभा में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे है, ताकी दौराने चर्चा देश की जनता को असलियत का पता लग सके कि देश की अर्थव्यवस्था मोदी सरकार में डामाडोल हुई है ।
भाजपा की डबल इंजन सरकार में जनता के कोई काम नहीं हो रहे है, उल्टा भाजपा के बड़े बड़े नेताओ और उनके परिजनों के भारी भरकम करोड़ों की लोन राशि NPA हो चुकी है, सरफेसी एक्ट के तहत भाजपा नेता पर कार्यवाही भी हो चुकी है, कुछ के खिलाफ धारा 82/83की कार्यवाहियों शुरू हो चुकी, फिर भी भाजपाई अपने को साफ सुथरा दिखा रहे है।
हम सभी कांग्रेसजन जनता से अपील करते है, कि बेरोजगार युवाओं के साथ खड़े होइए, देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आवाज उठाए, ताकी व्यापारी, किसान, छात्र बेरोजगार और महिला शक्ति स्वयं अपने बलबूते मज़बूत हो सकें।