विमान डॉर्नियर-228 वायुसेना में शामिल, जानिए विशेषताएँ
नयी नैविगेशन प्रणाली से युक्त है डॉर्नियर-228 विमान
दिल्ली: नई उड़ान सूचना प्रणाली से लैस डॉर्नियर विमान को आज वायुसेना के 41 वे स्क्वाड्रन –ऑटर्स में विधिवत शामिल किया गया। इसके लिए दिल्ली के पालम वायुसैनिक स्टेशन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया के द्वारा किया गया।
डॉर्नियर विमान-228 के इस बदले हुए संस्करण को वायुसैनिक अड्डों में लागू की गई आधुनिक एयरफील्ड अवसंरचना के बाद लाई गई स्वदेश निर्मित नैविगेशन सहायता प्रणाली के साथ समन्वय बनाने के लिए शामिल किया जा रहा है। नए किस्म के ऐसे पहले डॉर्नियर विमान की आपूर्ति नवंबर में की गई थी जबकि दूसरे ऐसे विमान की 2020 की शुरुआत में मिलने की संभावना है।
आईएएफ ने 2015 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 1,090 करोड़ रुपये में 14 डॉर्नियर विमान खरीदने का अनुबंध किया था। डोर्नियर-228 उड़ान निरीक्षण प्रणाली के विमान हैं।
आईएएफ सूत्रों में बताया गया है कि, पहला विमान 19 नवंबर को वितरित किया गया था, दूसरा 2020 की शुरुआत में दिया जाएगा। डोर्नियर-228 विमान एक बहुउद्देश्यीय, ईंधन-कुशल, बीहड़, हल्के ट्विन-टर्बोप्रॉप विमान है जिसमें एक वापस लेने योग्य तिपहिया लैंडिंग गियर है।
डोर्नियर-228 विमान का कॉकपिट चालक दल के दो सदस्यों को स्थान देने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे डुप्लिकेट नियंत्रणों के साथ लगाया गया है। केबिन कम्यूटर कॉन्फ़िगरेशन में 19 यात्रियों को समायोजित कर सकता है।
यह विमान सेशेल्स और मॉरीशस को निर्यात भी किया गया है।