सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल की अगुवाई में संस्कृत महाविद्यालयों ने मनाया चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण का जश्न
देहरादून 24 अगस्त। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल की अगुवाई में संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालय में भारतीय चंद्रयान के सफल प्रक्षेपण का जश्न मनाया गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देहरादून रुद्रप्रयाग एवं चमोली जनपद के संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए सहायक निदेशक ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर यह के सफल प्रक्षेपण करने वाला भारत आज विश्व का प्रथम देश बन गया है, जो हमारी विश्व गुरु की संकल्पना का महत्वपूर्ण पड़ाव है।
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं ज्योतिष वैज्ञानिक के रूप में अंतरराष्ट्रीय जगत में ख्याति प्राप्त सौर वैज्ञानिक सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद ने कहा कि भगवान श्री राम लंका विजय करके पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे परंतु गुलामी की वजह से हमें फिर से “फ्रॉम बैलून तो एयरप्लेन “पर आना पड़ा, उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि एवं महर्षि सभी ग्रहों पर अपनी आध्यात्मिक चेतना और साधना के बल पर पहुंच गए थे हमने उसकी बखूबी व्याख्या भी नवग्रह पूजन में की है ,जिसमें हमने चंद्रमा को इंद्रियों में सबसे बलवान मन का स्वामी एवं मंगल को पृथ्वी का पुत्र कहा है ,जो आज वैज्ञानिकों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से सिद्ध किया जा रहा है।
श्री वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ के प्राचार्य देवेश्वर थपलियाल, श्री गीतानंद सरस्वती संस्कृत महाविद्यालय मंडल के प्रधानाचार्य डॉक्टर जनार्दन नौटियाल, जयराम संस्कृत महाविद्यालय ऋषिकेश के प्रधानाचार्य आचार्य विजय जुगलान एवं वेद संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के प्रबंध समिति के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद गिरि महाराज के कुशल सानिध्य में छात्रों एवं शिक्षकों ने दूरदर्शन एवं प्रोजेक्टर के माध्यम से चंद्रयान के सफल अभियान के दृश्य को देखा और सफलता पर वेद एवं करतल ध्वनि और भारत माता की जयकारा के गगन भेदी नारे के साथ जश्न मनाया।