28 राज्यों एवं सर्विसेज सहित लगभग 450 पुरूष एवं महिला खिलाड़ी अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय खेल-2023 के लिए होंगे चयनित
टिहरी गढ़वाल 6 सितंबर। गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी टिहरी जलाशय में अक्टूबर माह के अंत में गोवा में होने वाली राष्ट्रीय वरिष्ठ वर्ग के महिला एवं पुरूष कयाकिंग व कैनोइंग खेल प्रतियोगिता के चयन हेतु टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप-2023 के चार दिवसीय जल-क्रीड़ा का आयोजन दिनांक 14 सितंबर 2023 से 17 सितंबर 2023 तक आईटीबीपी कैंप, कोटी कॉलोनी, टिहरी में किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में देश के 28 राज्यों एवं सर्विसेज सहित लगभग 450 पुरूष एवं महिला खिलाड़ी अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय खेल- 2023 के लिए चयनित होंगे।
यह प्रतियोगिता आईटीबीपी की तकनीकी साझेदारी उत्तराखंड राज्य के खेल तथा पर्यटन मंत्रालय, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग, भारतीय कयाकिंग व कैनोइंग एसोसिएशन उत्तराखंड ओलम्पिक एसोसिएशन के मार्गदर्शन में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के सौजन्य से आयोजित की जा रही है। इस आयोजन का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी के कर-कमलों द्वारा दिनांक 14 सितंबर 2023 प्रातः 11:00 बजे किया जाना प्रस्तावित है।
इस जल-क्रीड़ा महोत्सव के उद्घाटन समारोह में छोलिया नृत्य, जौनसारी परात नृत्य, गढ़वाल की विरासत नंदादेवी राजजात, गंगा आरती, लेजर शो थ्री/डी मैपिंग ऑन वाटर कर्टन आदि सांस्कृतिक गतिविधियां के आयोजनओं को भी शामिल कर इसमें उपस्थित होने वाले अतिथियों, देश-प्रदेश के प्रतिभागी खिलाड़ियों तथा प्रतिनिधियों के स्वागत तथा इन्हें उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का परिचय करवाने हेतु भी किया जा रहा है। इन सांस्कृतिक गतिविधियों में देश के कोने-कोने से विभिन्न कलाकार शामिल होकर अपनी-अपनी प्रतिभाओं से उपस्थित अधिकारियों एवं दर्शकों का मनोरंजन करेंगे।
इस क्वालीफाइंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता आयोजन स्थल पर प्रचार-प्रसार हेतु बड़ी संख्या में विज्ञापन होर्डिंग्स, ब्रांडिंग एवं बैकड्राप बैनर, हाइड्रोजन गैस गुब्बारे, प्रदर्शनी स्टॉल इत्यादि पर नमामि गंगे परियोजना तथा केंद्रीय सूचना ब्यूरो के प्रतीक चिन्ह सहयोगी के तौर पर लगाए जाएंगे।
विगत वर्ष से आयोजित होने वाली इस जल-क्रीड़ा प्रतियोगिता से जहां एक ओर हमारे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर हमारे युवा इस खेल की तरफ आकर्षित होंगे तथा टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के सौजन्य से इन खेलों में प्रतिभाग कर अपना तथा उत्तराखंड का नाम रोशन कर अपनी-अपनी आजीविका के साधन प्राप्त करेंगे। गतवर्ष के आयोजन के मीडिया, खेल प्रेमियों व उत्तराखंड ओलम्पिक एशोसिएसन, उत्तराखंड व भारत सरकार के प्रचार-प्रसार से विदेशी खेल आयोजक व सरकारें/संयोजक हमारी टिहरी झील के आकार, भौगोलिक स्थिति व मौसम की अनुकूलता से बहुत ही प्रभावित हैं व इसे भविष्य में होने वाली बड़ी-बड़ी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन का सर्वोत्तम स्थल मानते हैं।
उत्तराखंड के युवाओं के लिए यह भी हर्ष का विषय है कि गतवर्ष जल-क्रीड़ा प्रतियोगिता के आयोजन के मुख्यअतिथि के तौर पर श्री आर. के. सिंह माननीय कैबिनेट मंत्री विद्धुत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के सुझाव व श्री पुष्कर सिंह धामी जी, माननीय मुख्यमंत्री (उत्तराखंड) की प्रेरणा से अभिभूत होकर टीएचडीसी आईटीबीपी की तकनीकी मदद व उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के मार्गदर्शन से आईटीबीपी कैंप कोटी कालोनी, टिहरी में जल-क्रीड़ा का बेसिक बुनियादी प्रशिक्षण संस्थान लगभग 4.0 करोड़ रूपए की लागत से बनाने जा रही है, जिसमें उत्तराखंड के 13 वर्ष से 17 वर्ष तक के प्रतिभावान खिलाड़ियों को मुफ्त भोजन, कपड़े, प्रशिक्षण, आवास, चिकित्सा तथा स्कूली सुविधा देकर उन्हें विश्व स्तरीय खिलाड़ी बनाया जा सकेगा। इन सब पर सालाना 1.0 करोड़ रूपए खर्च आने की संभावना है। इन खिलाड़ियों को कोटेश्वर बांध परिसर में उच्च प्रदर्शन अकादमी में 10% का कोटा दिया जाएगा जिससे यह सीधे-सीधे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर सकेंगे।
कोटेश्वर बांध परिसर में उच्च प्रदर्शन अकादमी लगभग 18.0 करोड़ रूपए की लागत से बनाई जा रही है। इस अकादमी के बाँध की ऊपरी धारा में कयाकिंग व कैनोइंग खेल प्रशिक्षण तथा निचली धारा कोटेश्वर तक के इलाके में राफ्टिंग व स्लैलम जैसी रोमांचक व साहसिक जल-क्रीड़ाओं का प्रशिक्षण व राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। इन दोनों प्रशिक्षण केन्द्रों की तैयारी लगभग समाप्ति की ओर है और उम्मीद है कि इनके समझौता ज्ञापनों पर बहुत शीघ्र ही हस्ताक्षर होने की प्रबल संभावना है।
उच्च प्रदर्शन अकादमी में प्रदेशीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिभावान खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कोच एवं वैज्ञानिक तकनीक सुविधाओं से प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिस पर औसतन प्रतिवर्ष 4.0 करोड़ रूपए खर्च आने की संभावना है। इस अकादमी में अंतरराष्ट्रीय खेल विनिमय कार्यक्रम (Sports Exchange Programme) भी चलाया जाएगा जिससे हमारे खिलाड़ी विदेश तथा विदेशी खिलाड़ी हमारी अकादमी में परस्पर प्रशिक्षण तथा वैज्ञानिक खेल तकनीकी का लाभ उठाकर अपनी-अपनी प्रतिभाओं को निखार सकेंगे। इस प्रकार जहां हम अपने प्रदेश व देश के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर पाएंगे वहीं स्थानीय लोगों को इससे रोजगार व पर्यटन से होने वाले लाभ भी मिल पाएंगे। उपरोक्त दोनों प्रशिक्षण केंद्रों में शुरू में 15 महिला एवं 15 पुरुष प्रशिक्षनार्थी खिलाड़ियों को प्रवेश दिया जाएगा। जहां उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें इन संस्थानों में भविष्य के वर्षों में प्रशिक्षण जारी रखने की संभावनाओं को संस्थान की खेल विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर सुनिश्चित किया जाएगा। यह दोनों प्रशिक्षण केंद्र विश्व की उच्च-स्तरीय खेल उपकरणों, वैज्ञानिक तकनीकों, प्रशिक्षकों व रहन-सहन की सुख-सुविधाओं से युक्त होंगे ताकि यहाँ से हम विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को तैयार कर विश्व में भारत की कीर्ति फैला सकें।