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मैती मिलन मेला: टिहरी की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने की अनोखी पहल

मैती मिलन मेला: टिहरी की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने की अनोखी पहल
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टिहरी गढ़वाल 17 जून । टिहरी में मैती मिलन कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। आज टिहरी शहर के लगभग सभी वार्डों से पहुंची बहनों ने मिलकर कार्यक्रम स्थल पर उत्साह और जोश के साथ कलेऊ बनाकर माहौल को रोचक बना दिया। कल, 18 जून को 5 बजे से गणेश चौक, बौराड़ी में यह भावनात्मक और सांस्कृतिक मिलन समारोह आरंभ होगा, जो देर रात 10:00 बजे तक चलेगा।

बाईट अनुसूया नौटियाल

मैती मिलन के संयोजक, अनुसूया प्रसाद नौटियाल ने बताया कि आज बड़ी संख्या में ध्यानियों ने आकर कार्यक्रम की तैयारियां पूरी की हैं। उन्होंने बताया कि ध्यानियों ने आज “कलेऊ” बनाया है, जिसे कल कार्यक्रम के पश्चात सभी ध्य्याणियों को बांटा जाएगा।

बताते चलें कि यह कार्यक्रम स्वदेशी जागरण मंच और अनुसूया देवी विकास समिति द्वारा आयोजित किया जा रहा है। पूर्व की भांति मेला होटल भरत मंगलम, बौराड़ी, गणेश चौक में आयोजित किया जा रहा है। नौटियाल ने बताया कि मेले का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखना और आपसी मिलन के लिए एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने टिहरी नगर के संभ्रांत जनों और ध्यानियों से आग्रह किया है कि वे इस विशेष कार्यक्रम में अवश्य भाग लें।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान समस्त आगंतुकों का तिलक लगाकर स्वागत सत्कार किया जाएगा। विवेक मेमोरियल सुर गंगा संगीत महाविद्यालय और अन्य कलाकार विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। गढ़वाली परिधान/वेश-भूषा शो और सामूहिक नृत्य कार्यक्रम के विशेष आकर्षण होंगे।

मैती मिलन मेला के इस उत्सव में एक बार फिर से गढ़वाली संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, जो इसे और भी रोचक और अद्वितीय बनाएगा। स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियाँ, पारंपरिक परिधानों में सजे लोग और सामूहिक नृत्य का माहौल टिहरी नगर को एक नई ऊर्जा और उल्लास से भर देगा।


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Govind Pundir

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