चोपड़ा, मदन नेगी बांध प्रभावितों की समस्याओं पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने की बैठक
टिहरी गढ़वाल, 06 जुलाई, 2024 । शनिवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला सभागार नई टिहरी में टिहरी बांध से प्रभावित चोपड़ा और मदननेगी के ग्रामीणों के साथ बैठक की। इस बैठक में ग्रामीणों ने टीएचडीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे और पुनर्वास से संबंधित समस्याओं को उठाया।
चोपड़ा के ग्रामीणों की शिकायत
चोपड़ा के ग्रामीणों ने शिकायत की कि टीएचडीसी द्वारा चोपड़ा की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा केवल 19 खातेदारों को ही दिया गया, जबकि अन्य लोगों का भी उसमें हिस्सा था। ग्रामीणों ने इसकी जांच की मांग की। इस पर महाप्रबंधक टीएचडीसी ने बताया कि वर्ष 2005 में टिहरी झील बांध हेतु चोपड़ा में अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पुनर्वास नीति के तहत 19 काश्तकारों में से 7 पात्र खाताधारकों को पूर्ण भुगतान और बाकी को नियमानुसार आंशिक भुगतान किया गया है। जिसका शपथ पत्र भी उपलब्ध है। वहीं वर्ष 2010 में मलवे हेतु अधिग्रहित भूमि का प्रथम किश्त 05 लाख रूपये के रूप में संबंधितों को दी गई है। जुलाई 2016 में ग्रामीणों द्वारा डम्पिंग बन्द कर दी गई, तब से परियोजना कोटी में डम्पिंग कर रही है।
मदननेगी के ग्रामीणों की मांग
मदननेगी के ग्रामीणों ने वर्ष 2010 में हुए सर्वे के आधार पर 32 क्षतिग्रस्त मकानों के पुनः सर्वे कराने की बात कही गई। इस संबंध में टीएचडीसी के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2011, 2017 एवं 2018 में विशेषज्ञ समिति द्वारा सर्वे किया गया, जिसमें प्राकृतिक आपदा इसका कारण बताया गया।
जिलाधिकारी की पहल
जिलाधिकारी ने कहा कि आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञों की कमेटी बनायी जा रही है, जो आने वाले दिनों में टिहरी झील बांध प्रभावित गांवों की मॉनिटरिंग का कार्य करेगी। चोपड़ा के प्रकरण पर जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को विधिक राय लेने को कहा। तत्पश्चात् मा. न्यायालय के आदेशों के क्रम में आगे की कार्यवाही किये जाने की बात कही गई।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में अधिशासी निदेशक टीएचडीसी एल.पी. जोशी, महाप्रबंधक टीएचडीसी विजय सहगल, एसडीएम टिहरी संदीप कुमार, अधिशासी अभियंता पुनर्वास डी.एस. नेगी सहित चोपड़ा और मदननेगी के ग्रामीण भी उपस्थित रहे।