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आईजेयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हरियाणा में संपन्न, अखबारों की विश्वसनीयता आज भी बरकरार: बंडारु दत्तात्रेय

आईजेयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हरियाणा में संपन्न, अखबारों की विश्वसनीयता आज भी बरकरार: बंडारु दत्तात्रेय
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देहरादून 6 अगस्त। इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन (आईजेयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 2 से 4 अगस्त 2024 तक हरियाणा के पंचकुला में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में देश के 24 राज्यों के लगभग 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का आयोजन पंचकुला के सेक्टर वन स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में किया गया, जिसमें पत्रकारिता से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

बैठक के उद्घाटन सत्र में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने उपस्थित पत्रकारों का स्वागत करते हुए समाज में सोशल मीडिया के चलते बढ़ते अविश्वास के माहौल पर चिंता व्यक्त की और इसे रोकने के लिए कारगर पहल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस अवसर पर सदस्य पत्रकारों को 10 लाख की दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत सौ से अधिक बीमा पॉलिसियों का वितरण भी किया।

बैठक के दौरान आईजेयू के राष्ट्रीय महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू ने देशभर में पत्रकारों पर हो रहे हमलों का उल्लेख किया और 2023 की भारतीय दंड संहिता में किए गए कुछ नए प्रावधानों को पत्रकारों के लिए चिंताजनक बताया। उन्होंने इन प्रावधानों के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर संगठित संघर्ष की आवश्यकता पर जोर दिया।

उत्तराखंड से जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री गिरीश पंत ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यूनियन का उद्देश्य पत्रकारिता के उच्च आदर्शों और परंपराओं को बनाए रखना और पत्रकार हितों के लिए कार्य करना है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को राज्य की सभी बसों में फ्री आवागमन की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, दिल्ली, लखनऊ, और मुंबई के राज्य अतिथिगृहों में पत्रकारों के लिए न्यूनतम शुल्क पर रहने की व्यवस्था की गई है। पंत ने सरकार द्वारा दिवंगत पत्रकारों के परिजनों और गंभीर रूप से बीमार पत्रकारों के लिए पत्रकार कल्याण कोष से तीन करोड़ सत्तर लाख इक्तालीस हजार रुपये की धनराशि आर्थिक मदद के रूप में प्रदान करने की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में राज्य में अठारह पत्रकारों को आठ हजार रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है और यूनियन ने इस पेंशन को बढ़ाकर बीस हजार रुपये करने की मांग की है।

बैठक के दूसरे दिन विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और पत्रकारों की समस्याओं पर चर्चा की। छत्तीसगढ़ के राज्य सचिव वीरेंद्र कुमार शर्मा ने पत्रकार प्रताड़ना के खिलाफ किए गए कार्यक्रमों के बारे में बताया और मजिठिया वेज बोर्ड के क्रियान्वयन की मांग उठाई।

हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने बैठक के समापन सत्र में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को दर्पण की तरह साफ होना चाहिए ताकि समाज को नई दिशा मिल सके और समाज में व्याप्त बुराइयों को जड़ से उखाड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता के माध्यम में भी परिवर्तन हुआ है। प्रेस मीडिया के अलावा इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया का आगमन हुआ है, जो खबरों को तुरंत लोगों तक पहुंचाते हैं, लेकिन आज भी समाचार पत्रों की विश्वसनीयता बरकरार है। उन्होंने हरियाणा में सदस्य पत्रकारों के लिए निशुल्क दस लाख की दुर्घटना बीमा योजना का लाभ अधिक से अधिक पत्रकारों तक पहुंचाने के लिए जागरूकता फैलाने की अपील की।

बैठक के समापन पर आईजेयू के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर प्रवीन मेहता ने घोषणा की कि आईजेयू का अगला अधिवेशन नवंबर 2024 में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आयोजित किया जाएगा।

अधिवेशन के दौरान, केंद्र सरकार से पत्रकारों के लिए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 को लागू रखने और वेतन बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को बहाल करने की मांग की गई। इसके साथ ही, पत्रकारों की प्रताड़ना के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने की भी मांग की गई। बैठक में सहमति बनी कि पत्रकारों के अधिकारों और उनकी समस्याओं पर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में आगामी महीनों में एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।


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Garhninad Desk

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