उत्तराखंड सूचना आयोग ने की आर.टी.आई. जागरूकता और क्रियान्वयन के लिए नई योजनाओं की घोषणा
देहरादून, 22 अगस्त 2024 – उत्तराखंड राज्य सूचना आयोग ने सूचना का अधिकार (आर.टी.आई.) अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा की है। आज सूचना अधिकार भवन, रिंग रोड, देहरादून में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मुख्य प्रभारी सूचना आयुक्त श्री विवेक शर्मा ने इन योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर सूचना आयुक्त श्री विपिन चंद्र, श्री योगेश भट्ट, और सचिव श्री अरविंद पांडे भी उपस्थित रहे।
प्रेस वार्ता के दौरान, मुख्य प्रभारी सूचना आयुक्त श्री विवेक शर्मा ने बताया कि राज्य में आर.टी.आई. अधिनियम के क्रियान्वयन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, राज्य सूचना आयोग ने आर.टी.आई. दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच लोक सूचना अधिकारियों और तीन प्रथम अपीलीय अधिकारियों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है।
इसके साथ ही, आम जन में आर.टी.आई. अधिनियम के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोग द्वारा विधि कॉलेजों और उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आर.टी.आई. दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता और परिचर्चा का आयोजन भी किया जाएगा।
श्री शर्मा ने यह भी बताया कि आर.टी.आई. अधिनियम के तहत राज्य में अब तक प्राप्त अनुरोधों में से केवल 4 प्रतिशत मामलों में द्वितीय अपील या शिकायत दर्ज की गई है, जो दर्शाता है कि लोक सूचना अधिकारियों और विभागीय अपीलीय अधिकारियों द्वारा किए गए निस्तारण से अनुरोधकर्ता संतुष्ट हैं।
जनवरी 2024 से आयोग ने नागरिकों को ऑनलाइन अनुरोध, प्रथम अपील, शिकायत, और द्वितीय अपील दाखिल करने की सुविधा प्रदान की है, जिसका लाभ लोग उठा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, आयोग की कार्यवाही में भाग लेने के लिए अपीलकर्ता और शिकायतकर्ता अब गूगल मीट या फोन कॉल के माध्यम से भी जुड़ सकते हैं। इस हाईब्रिड सुविधा का व्यापक उपयोग हो रहा है, जिससे लोगों का समय, श्रम, और धन की बचत हो रही है।
आयोग द्वारा 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक कुल 6637 वादों की सुनवाई की गई, जिसमें से 3960 वादों का निस्तारण किया गया। 31 जुलाई 2024 तक आयोग में 951 वाद लंबित हैं। आयोग की स्थापना से 30 जून 2024 तक 2014 मामलों में कुल ₹2,75,58,135 की शास्ति लगाई गई, और 123 मामलों में ₹5,72,050 की क्षतिपूर्ति प्रदान की गई।
राज्य सूचना आयोग द्वारा उठाए गए इन महत्वपूर्ण कदमों से न केवल सूचना का अधिकार अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा, बल्कि आम जनता में इसके प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।