डीएम के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन पुनर्निर्माण और भूगर्भीय निरीक्षण कार्यों ने पकड़ी रफ्तार
टिहरी गढ़वाल, 27 अगस्त 2024। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में जनपद टिहरी के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण, भूगर्भीय निरीक्षण, क्षति आंकलन एवं सुरक्षात्मक कार्य तेजी से प्रगति पर हैं। हाल ही में बालगंगा और घनसाली तहसील के आपदाग्रस्त क्षेत्र—थाती, बुढ़ाकेदार, तोली, तिनगढ़, जखाणा, घुत्तू, गेंवाली, जखन्याली, कोट, विशन आदि—में अतिवृष्टि और बादल फटने की घटनाओं से सड़कों, सिंचाई नहरों, पेयजल लाइनों, विद्युत लाइनों, पुलों, कृषि भूमि आदि को भारी क्षति पहुंची है।
भूवैज्ञानिक प्रदीप कुमार के नेतृत्व में भूवैज्ञानिक टीम ने मंगलवार को कैलबागी, नगर कोटियाड़ा, मेंदू सिंदवाल और भाट गांव का भूगर्भीय निरीक्षण किया। उत्तराखंड पेयजल निगम घनसाली के अधिशासी अभियंता ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण भिलंगना विकासखंड के बुढ़ाकेदार क्षेत्र में 14, जखन्याली क्षेत्र में 13 और घुत्तू क्षेत्र में 22 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। बुढाकेदार और जखन्याली क्षेत्र की सभी पेयजल योजनाओं में अस्थाई जलापूर्ति बहाल कर दी गई है और स्थायी मरम्मत के लिए प्रस्ताव जिला कार्यालय को भेजे गए हैं। घुत्तू क्षेत्र में 22 में से 21 पेयजल योजनाओं में जलापूर्ति बहाल हो चुकी है, जबकि शेष एक योजना में आंशिक जलापूर्ति शुरू कर दी गई है।
पीएमजीएसवाई-1 के अधिशासी अभियंता पवन कुमार ने बताया कि बूढ़ाकेदार-पिंसवाड़ मार्ग और मेंदू-सिंदवाल मोटर मार्ग का कार्य भी प्रगति पर है। वहीं, घनसाली-घुत्तू रोड के गैबियन का कार्य सड़क स्तर तक पूरा हो चुका है। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, अमित आनंद ने बताया कि रीह गांव में क्षतिग्रस्त विद्युत लाइन का पुनर्निर्माण कार्य पूरा कर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
जिला विकास अधिकारी मो. असलम के अनुसार, घुत्तू क्षेत्र के रानीढांग में मनरेगा के अंतर्गत आंतरिक सम्पर्क मार्ग बहाल कर दिया गया है। तिनगढ़ और जखन्याली में अब तक 08 पशुहानि के प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं और 46 पशुपालकों को 24 किलोग्राम कॉम्पेक्ट फीड ब्लॉक चारा वितरित किया गया है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पशुजन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु ब्लीचिंग पाउडर और फिनायल का छिड़काव किया जा रहा है।
जिला पूर्ति अधिकारी मनोज डोभाल ने बताया कि इंटर कॉलेज घुत्तू में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए रसोई संचालित की जा रही है, जहां प्रतिदिन सुबह का नाश्ता और दिन-रात का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रभावित परिवारों के लिए 250 फूड किट्स भी वितरित किए गए हैं, जिनमें चावल, दाल, नमक, मसाले, तेल, चीनी आदि शामिल हैं। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में सितंबर माह तक का पीडीएस राशन भी उपलब्ध करा दिया गया है।
जिला उद्यान अधिकारी चंदन बिष्ट ने बताया कि प्रभावित गांवों में क्षतिग्रस्त पॉलीहाउसों के पुनर्निर्माण के लिए इच्छुक किसानों से आवेदन पत्र लिए जा रहे हैं। सब्जी फसल की क्षति पूर्ति हेतु किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त हाइब्रिड सब्जी बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। फलदार पौधों की क्षति पूर्ति के लिए प्रभावित किसानों से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मांगपत्र भी एकत्र किए जा रहे हैं।
इस व्यापक पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।