कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण प्रदान करना PoSH एक्ट का उद्देश्य: त्रिपाठी
टिहरी गढ़वाल, 28 सितंबर 2024। कार्यस्थलों, चाहे सरकारी हों या निजी, में महिलाओं के लिए स्वस्थ एवं सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना ही कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम, 2013) का प्रमुख उद्देश्य है।
यह बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री आलोक राम त्रिपाठी ने 28 सितंबर 2024 को तहसील सभागार नरेंद्रनगर में आयोजित PoSH अधिनियम पर आधारित कार्यशाला में कही। आज माननीय उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और माननीय जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री योगेश कुमार गुप्ता के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टिहरी द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 पर कार्यशाला एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में सिविल जज (सी.डी.)/सचिव श्री आलोक राम त्रिपाठी ने विभिन्न विभागों से उपस्थित महिला कर्मचारियों को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतें तुरंत अधिनियम के अंतर्गत स्थापित आंतरिक समिति के समक्ष दर्ज कराई जानी चाहिए।
इसके अलावा, शिविर में संविधान में वर्णित मूल अधिकारों, कर्तव्यों और महिलाओं से संबंधित अधिकारों, अवैध मानव तस्करी, नशामुक्ति जैसे कानूनी मुद्दों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।
उपजिलाधिकारी नरेंद्रनगर श्री देवेंद्र सिंह नेगी ने भी उपस्थित महिला कर्मचारियों को महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी।
इस अवसर पर रिटेनर अधिवक्ता श्री राजपाल सिंह मिंया, प्राथमिक शिक्षक संघ नरेंद्रनगर के अध्यक्ष श्री महेश गुसाईं, थाना नरेंद्रनगर की सब इंस्पेक्टर दीपिका तिवारी और तहसील क्षेत्र में कार्यरत महिला कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
यह शिविर न केवल कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था।