श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में वर्षा जल संचयन इकाई का उद्घाटन

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में वर्षा जल संचयन इकाई का उद्घाटन
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ऋषिकेश। पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा वर्षा जल संचयन इकाई का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. के. जोशी, कुलसचिव श्री दिनेश चंद्रा, ऋषिकेश परिसर के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत, एवं मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के समन्वयक और विज्ञान संकाय के डीन प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने संयुक्त रूप से रिबन काटकर इकाई का शुभारंभ किया।

कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि वर्षा जल संचयन वर्तमान समय की आवश्यकता है, क्योंकि घटते भूजल स्तर के कारण भविष्य में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि जल संचयन पर अभी ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाली पीढ़ियों को जल के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने वर्षा जल संचयन की प्रक्रिया को समझाते हुए बताया कि यह तकनीक वर्षा के जल को एकत्र कर उसका पुनः उपयोग करने में सहायक होती है। छतों या अन्य सतहों से एकत्र जल को छानकर और साफ कर टैंकों में संग्रहित किया जाता है, जिससे इसे विभिन्न कार्यों में उपयोग किया जा सके।

परिसर निदेशक प्रो. रावत ने इसे एक पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ समाधान बताया, जो भूजल पर निर्भरता को कम करता है और जल संरक्षण को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहां जल संकट की समस्या अधिक है। वर्षा जल का उपयोग कृषि, बागवानी, घरेलू कार्यों और शुद्धिकरण के बाद पीने के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भविष्य में परिसर में कई और वर्षा जल संचयन इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के समन्वयक प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने बताया कि इस इकाई में 4000 लीटर जल का शुद्धिकरण कर उपयोग में लाया जा सकता है, जबकि अतिरिक्त जल भूमि रिचार्ज करने में मदद करेगा। इससे न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बाढ़ और जल प्रदूषण की समस्याओं को भी रोका जा सकेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों और प्राध्यापकों को जल संचयन की विभिन्न विधियों की जानकारी दी और जल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया।

इस अवसर पर प्रो. वी. के. श्रीवास्तव, डॉ. एस. के. कुड़ियल, डॉ. अंजनी कुमार दुबे, प्रो. वी. डी. पांडे, शालिनी कोटियाल, सफिया हसन, अर्जुन पालीवाल, देवेंद्र, निशांत सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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