मत्स्य पालन से टिहरी के युवा लिख रहे स्वरोजगार की नई कहानी

टिहरी गढ़वाल, 18 अप्रैल 2025: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की चुनौती को अवसर में बदलने की एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। टिहरी गढ़वाल के चंबा ब्लॉक के ग्राम कख्वाड़ी के सुम्बारी लाल और उनकी पत्नी मीरा देवी ने मत्स्य पालन को अपनाकर न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि क्षेत्र के युवाओं के लिए स्वरोजगार का एक नया रास्ता भी खोला।

मत्स्य पालन: आर्थिक सशक्तिकरण का नया जरिया: किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुम्बारी लाल और मीरा देवी ने उत्तराखंड मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर अपने सपनों को हकीकत में बदला। वर्ष 2024-25 में विभाग ने उन्हें 4.50 लाख रुपये की लागत वाले बायोफ्लॉक टैंक निर्माण के लिए 2.70 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया। इस सहायता से उन्होंने 2000 कार्प मत्स्य बीज का संचयन किया और 7.20 क्विंटल मछलियों का उत्पादन किया, जिसमें सिल्वर कार्प, रोहू, पंगास और कॉमन कार्प शामिल हैं।
सुम्बारी लाल बताते हैं, “मत्स्य पालन ने हमारी जिंदगी बदल दी। हमारी मछलियों की सप्लाई चंबा, कानाताल, धनोल्टी और आसपास के बाजारों में हो रही है। इससे न सिर्फ हमारी आय बढ़ी, बल्कि हमें आत्मनिर्भरता का अहसास भी हुआ।”
ट्रॉउट प्रजाति: नया लक्ष्य, बड़ा मुनाफा : सुम्बारी लाल अब ट्रॉउट मछली उत्पादन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, जिसकी मांग स्थानीय और बाहरी बाजारों में बढ़ रही है। टिहरी की ठंडी जल, हल्की जलवायु ट्रॉउट पालन के लिए आदर्श है। सुम्बारी कहते हैं, “ट्रॉउट की खेती से हमें और ज्यादा मुनाफा होगा। हमारी कोशिश है कि इसे बड़े पैमाने पर शुरू करें।”
आईटीबीपी के लिए ट्रॉउट सप्लाई: बड़ा अवसर : टिहरी के मत्स्य पालकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि तब मिली, जब शासन स्तर पर आईटीबीपी सीमा द्वार, देहरादून के साथ ट्रॉउट सप्लाई के लिए अनुबंध हुआ। सहायक निदेशक मत्स्य, उपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ट्रॉउट प्रोत्साहन योजना के तहत टिहरी के पालकों को मार्केटिंग की समस्याओं से राहत मिलेगी। जल्द ही आईटीबीपी को ट्रॉउट की सप्लाई शुरू होगी।” इससे पहले भी टिहरी के पालकों ने उत्तरकाशी में तैनात आईटीबीपी जवानों के लिए मछली सप्लाई की है।
सुम्बारी लाल की मछलियों की मांग नागणी, चंबा, कानाताल, चौपड़ियाल, जड़ीपानी और धनोल्टी जैसे क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है। कभी-कभी अन्य स्थानों से भी ऑर्डर मिलते हैं। उनकी मेहनत और मत्स्य विभाग की योजनाओं ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी प्रेरित किया। युवाओं के लिए प्रेरणा सुम्बारी लाल और मीरा देवी की सफलता टिहरी के युवाओं के लिए एक मिसाल है।
मत्स्य विभाग की योजनाएं, वित्तीय सहायता और मार्केटिंग सुविधाएं पलायन रोकने और आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो रही हैं। यह कहानी न सिर्फ आशा की किरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सही दिशा और समर्थन से पहाड़ के युवा अपने गांव में रहकर समृद्धि हासिल कर सकते हैं। टिहरी का यह मत्स्य पालक दंपति साबित कर रहा है कि मेहनत और अवसरों का सही उपयोग पहाड़ों में भी समृद्धि की राह खोल सकता है।