हिंदी विभाग ने आयोजित की ‘पहली कहानी’ कार्यशाला, कथाकार नवीन कुमार नैथानी ने साझा किए अनुभव

ऋषिकेश, 24 अप्रैल 2025 । पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश में आज हिंदी विभाग द्वारा ‘पहली कहानी’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हिंदी के प्रतिष्ठित कथाकार श्री नवीन कुमार नैथानी ने विषय विशेषज्ञ के रूप में शिरकत की और कहानी लेखन की बारीकियों से छात्र-छात्राओं को रूबरू कराया।
नैथानी जी ने कहा, “कथा का सुख एक आंतरिक अनुभव है और साहित्य हमारे बाह्य तथा अंतरतम जगत का दस्तावेज होता है।” उन्होंने कहानी के विषय चयन पर विशेष बल देते हुए कहा कि “क्या लिखना है से ज्यादा महत्वपूर्ण है यह जानना कि क्या नहीं लिखना है।”
कार्यशाला के संयोजक प्रोफेसर मुक्तिनाथ यादव ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसी पहल छात्रों में कहानी विधा के प्रति रुचि पैदा करती है तथा रचनात्मकता और शिल्प कौशल को विकसित करने में सहायक होती है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला संवाद और संप्रेषण की कला को भी निखारने का कार्य करती है।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने कहानी लेखन से जुड़ी जिज्ञासाएं और समस्याएं साझा कीं, जिनका समाधान स्वयं नैथानी जी ने विस्तार से किया।
इस अवसर पर हिंदी विभाग के प्रोफेसर अधीर कुमार, प्रोफेसर कल्पना पंत, अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर पारुल मिश्रा, प्रोफेसर हेमंत कुमार शुक्ला और प्रोफेसर प्रमोद कुमार कुकरेती सहित परिसर के पचास से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।
कार्यशाला में शोधार्थी एकता मौर्य, श्वेता पटवाल, प्राची सेमवाल और राहुल पटेल ने विशेष योगदान दिया, जिससे आयोजन को सफल बनाने में सहायता मिली।
कार्यक्रम ने न केवल छात्रों के लेखन कौशल को निखारने का कार्य किया, बल्कि उन्हें साहित्यिक संवेदना और दृष्टिकोण से भी समृद्ध किया।