राज्यपाल ने की “विरासत महोत्सव” के आयोजकों से भेंट, कहा– संस्कृति और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक

देहरादून, 18 नवम्बर। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को राजभवन में रीच संस्था के पदाधिकारियों ने भेंट की और देहरादून में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित “विरासत महोत्सव” के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि रीच संस्था वर्ष 1995 से लगातार विरासत महोत्सव का आयोजन कर रही है और इस वर्ष इसका आयोजन अपनी गौरवपूर्ण 30 वर्षों की यात्रा पूरी कर चुका है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में देश-विदेश से कलाकारों, उद्यमियों और दर्शकों की सक्रिय भागीदारी रहती है। संस्था ने राज्यपाल को महोत्सव के संचालन, व्यवस्थाओं एवं समसामयिक चुनौतियों की जानकारी भी दी।
राज्यपाल ने “विरासत” महोत्सव के प्रति संस्था के तीन दशकों से जारी सतत प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विरासत हमारी जड़ों, संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है और ऐसे आयोजनों का संरक्षण व संवर्धन जरूरी है ताकि नई पीढ़ी अपनी संस्कृति से गहराई से जुड़ सके।उन्होंने इस अवसर पर कहा कि किसी भी बड़े सांस्कृतिक आयोजन के लिए वित्तीय सुदृढ़ता आवश्यक है। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि इसके लिए सीएसआर, उद्यमी संस्थानों और सरकारी संगठनों से सहयोग की संभावनाएं तलाशनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी जैसी प्रमुख संस्थाएं भी इसमें सहयोगी बन सकती हैं।
राज्यपाल ने कहा कि युवाओं की भागीदारी बढ़ाना समय की आवश्यकता है और उन्होंने अपने स्तर से भी विरासत महोत्सव के निरंतर और सफल आयोजन के लिए हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।बैठक में संस्था के महासचिव आर. के. सिंह, हेमंत अरोड़ा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।



