टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज को आई.आई.टी. की तरह विकसित करे सरकार उपाध्याय
गढ़ निनाद न्यूज़* 21 अक्टूबर 2020
नई टिहरी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भागीरथी पुरम में स्थापित हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज की दुर्दशा और उसमें व्याप्त अव्यस्थाओं पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है। उन्होंने प्रधानमन्त्री, केंद्रीय मानव संसाधन मन्त्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि टिहरी की जनता के संघर्ष और उनके अथक प्रयासों से इस कालेज की स्थापना हुई थी और उस समय वायदा किया गया था कि केंद्र सरकार इस संस्थान को IIT की तरह विकसित करेगी और IIT बनायेगी।
यह कालेज राज्य बनने के बाद राज्य का सर्वोत्तम इंजीनियरिंग कालेज था, लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण अपनी गरिमा खो रहा है।
उपाध्याय ने अपने पत्र में कहा है कि:-
“टिहरी हाइड्रो इंजीनीयरिंग कालेज के बारे में मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ कि जब बांध के पावर हाउस का उद्घाटन करने की प्रक्रिया चल रही थी, उसके उद्घाटन के लिये तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह जी व UPA की चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी व तत्कालीन ऊर्जा मन्त्री सुशील कुमार शिन्दे जी ने आना था। स्थानीय विधायक होने के नाते इस सम्बन्ध में आहूत बैठक में मैंने विनम्रता पूर्वक कहा कि टिहरी बांध निर्माण से हो सकता है देश को विकास के नये आयाम मिलें, लेकिन टिहरी के लोगों को इससे कोई लाभ नहीं हो रहा है। मैंने कहा कि टिहरी में केंद्र सरकार द्वारा IIT जैसा प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान स्थापित किया जाना चाहिये अन्यथा मुझे विरोध के लिये मजबूर होना पड़ेगा।
ऊर्जा मन्त्री जी की उपस्थित बैठक में भागीरथीपुरम में इस तरह के संस्थान की स्थापना की सहमति बनी और बाद में टिहरी के लोगों के साथ छल कर एक इंजीनीयरिंग कालेज देकर उनको टरका दिया गया। उससे बड़ा धोखा यह किया गया कि कालेज का निर्माण THDC के CSR फ़ंड से किया गया। बांध विस्थापितों व प्रभावितों के लिये कालेज में कोई प्राथमिकता नहीं रखी गयी। फिर भी, एक समय में कालेज प्रदेश का अग्रणी कालेज बन गया था। लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण कालेज यथास्थिति बनाये रखने के लिये संघर्ष कर रहा है।यहाँ तक कि कालेज का पूर्णकालिक निदेशक भी नहीं है। टिहरी की इसी तरह अगर उपेक्षा होती रही तो उसका ख़ामियाज़ा भी भविष्य भुगतना पड़ सकता है।
अतः मेरा आपसे विनम्र आग्रह है कि पूर्ववर्ती सरकार के वायदे को पूरा किया जाय और उपरोक्त इंजीनीयरिंग कालेज को अविलम्ब IIT के रूप में अपग्रेड किया जाय।”