विश्वविद्यालय ने की जौल गांव को आदर्श गांव बनाने की कवायत तेज- डा0 ध्यानी
 
						माता मंगला जी के जन्म सप्ताह के उपलक्ष्य में कुलपति द्वारा जौल गांव में शॉल वितरण
गढ़ निनाद न्यूज़* 21अक्टूबर 2020
नई टिहरी। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 पी0पी0 ध्यानी द्वारा गोद लिये गये श्रीदेव सुमन जी की जन्मस्थली जौल गांव को आदर्श गांव बनाने हेतु कवायत शुरू कर दी गयी है। कुलपति द्वारा आज बुधवार को जौल गांव पहुंचकर माता मंगला जी, हंस फाउंडेशन के जन्म सप्ताह के शुभ अवसर पर स्वंय तथा उनकी पत्नी श्रीमती रेनू ध्यानी के द्वारा गांव की महिलाओं तथा अन्य जरूरत मन्दों को शाल वितरण किया गया।
कुलपति द्वारा बताया गया कि हंस फाउंडेशन द्वारा जौल गांव के लिये तथा जरूरतमन्दों को देने हेतु विश्वविद्यालय को शॉल उपलब्ध करायी गयी थी, जिसको आज जौल गांव में महिलाओं तथा अन्य जरूरतमन्दो को वितरित किया गया। समस्त ग्रामवासियों द्वारा माता मंगला जी का आभार किया गया और उनकी दीर्घायू की कामना की गई।
विश्वविद्यालय द्वारा गांव को गोद लिये जाने के बाद से ही कुलपति डा0 पी0पी0ध्यानी लगातार गांव के व्यक्तियों से सीधे सम्पर्क साधे हुये हैं। कुलपति गांव में हर सुविधओं को उपलब्ध कराने हेतु प्रयासरत हैं। हाॅल ही में कुलपति द्वारा गांव में कोविड 19 के चलते गांव में मास्क, सेनेटाईजर वितरित किए गए। तो कभी आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 सुनील जोशी से वार्ता कर गांव में प्रति व्यक्ति को प्रतिरोधक क्षमता बढाने हेतु आयुष रक्षा किट का वितरण करवाया गया।
कुलपति द्वारा बताया गया कि श्रीमती सुधा बडोनी, महिला मंगल दल, जौल गांव द्वारा विश्वविद्यालय को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि गांव में कुर्सी, दरी न होने के कारण गांव को आय दिन काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । कुलपति द्वारा विषेश रूप से संज्ञान लेते हुये आज ही विश्वविद्यालय की ओर से 25 कुसीयां तथा एक दरी महिला मंगल दल, जौल गांव को उपलब्ध करायी गयी। जिसके लिये गांव वासियों द्वारा तहदिल से कुलपति डा0 पी0पी0ध्यानी तथा विश्वविद्यालय का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम में कुलदीप सिंह नेगी, निजी सचिव, कुलपति, सुधा बडोनी अध्यक्ष महिला मंगल दल, सुन्दरी देवी, शैला देवी, जशोदा देवी, लक्ष्मी देवी, कान्ता देवी, कुसुम देवी, बसन्ती देवी, दिपी उनियाल, विनोद बडोनी, अमित सजवाण, रविन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
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