डीएम ने रेखीय विभागों के साथ ली जायका परियोजना की बैठक
गढ़ निनाद समाचार* 05 फरवरी,2021।
चमोली। जिला सभागार में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में शुक्रवार को रेखीय विभागों के साथ जायका परियोजना की बैठक ली गई व गहनता से चर्चा की गई। उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबन्ध परियोजना (जायका) उतराखण्ड में 2014 से शुरू हुई जिसके तहत उत्तराखण्ड की 750 वन पंचायतों का चयन किया गया। परियोजना के माध्यम से पारिस्थिकी पुर्नस्थापना, वन पंचायतों के माध्यम से वनीकरण का कार्य, मृदा संरक्षण कार्य,चाल खाल, जलाशय एवं सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों का उपचार कार्य किया जाता। साथ ही आजीविका सुधार के लिए स्वयं सहायता समूह व सहकारिता का गठन व स्थानीय उत्पादों का मूल्य संबर्धन कर बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाता है वहीं रेखीय विभागों की योजनाओं को समन्वय किया जाता है।
जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को इसमें फलदार वृक्षों को लगाने के साथ ही कुछ उत्पादों पर फोकस करने को कहा जैसे अखरोट, रिंगाल जो सबसे अच्छा आउटपुट दे सकें हम उसकी प्रोसेसिंग मार्केटिंग ब्रांडिंग पैकेजिग की चैन डेब्लप करने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों से महिलाओं के सर से घास हटाने के लिए सुझाव भी साझा करने को कहा। बताया कि अलकनन्दा वन प्रभाग के तीन रेन्जों में थराली, असेढ़ सिमली तथा आटागाड़ रेंज में कार्य किए जा रहे हैं। कहा कि अलकनन्दा प्रभाग में 67 वन पंचायतों में यह परियोजना चल रही है वहीं रानीखेत वन प्रभाग की 61 वन पंचाचतों में से 22 परियोजनाएं गैंरसैण क्षेत्र में चल रही है
वन संरक्षक अधिकारी ने बताया कि वन पंचायतों की महिलाओं द्वारा सुझाव दिए गए है। जिला पर्यटन अधिकारी विजेन्द्र पांडे ने बैठक मेें बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही होम स्टे योजना का पंजीकरण तथा दीन दयाल उपाध्याय बैंक लोन के बारे में जानकारी भी साझा की व रजिस्ट्रेशन फार्म वितरित किए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पाण्डे, पर्यटन अधिकारी विेजेन्द्र पाण्डे, डीफओ अलकनन्दा सर्वेश कुमार, डीएफओ उमेशचन्द, डा मीनाक्षी शैलजा, प्रतीक गोयल मौजूद रहे।