“तीरथ सरकार के 100 दिन” ढाक के तीन पात- राकेश राणा
नई टिहरी। जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने तीरथ सरकार का 100 दिन का कार्यकाल निराशाजनक बताते हुए कहा कि भाजपा ने सिर्फ मुखौटा बदलकर उत्तराखंड देवभूमि के लोगों को छलने और गुमराह करने का काम किया है । तीरथ सरकार ने इन 100 दिनों में हरिद्वार में महाकुंभ में अरबों रुपए का घोटाला किया है अभी हाल में हरिद्वार महाकुंभ में हुए कोविड-19 टेस्टिंग में हुए बड़े घोटाले ने भाजपा सरकार की पोल खोलकर रख दी है।
कहा कि तीरथ सरकार ने मात्र पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के द्वारा किए गए कार्य एवं स्वीकृत योजनाओं पर अपना शिलापट लगाने का काम किया है। सरकार रोजगार, महंगाई आदि सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है। 2017 में सत्ता में आने पर प्रत्येक साल 2 लाख बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने का वायदा किया था लेकिन आज नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहा है। जबकि कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारी भत्ता दिया था।
कोविड-19 के चलते टिहरी जनपद के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड के लाखों बेरोजगार नौजवान जो विभिन्न असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे थे वह घर पर हताश और निराश बैठे हैं। पर्यटन,होटल, परिवहन से जुड़े हुए कारोबारियों जा व्यवसाय चौपट हो गया है।
पूरे प्रदेश में विभिन्न विभागों में हजारों पद रिक्त पड़े हुए हैं लेकिन भाजपा सरकार सिर्फ आवेदन पत्र के नाम पर करोड़ों रुपए वसूल रही है। कोविड-19 बीमारी की आड़ में ज्यादातर विभागों का बजट लैप्स किया गया या तो सरेंडर करा दिया गया जिस वजह से विभागीय अधिकारी और कर्मचारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
पूरे जनपद में इन साढे 4 वर्षों में भाजपा सरकार एक नई सड़क नहीं बना पाई जो पुरानी स्वीकृत सड़कें हैं उनके फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामले आज भी अटके पड़े हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में 200 दिन रोजगार देने और 500 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की मांग ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। विधवा, विकलांग,वृद्धा पेंशन बढ़ाकर 2 हजार रुपये किया जाना नितांत आवश्यक है।
राणा ने कहा कि इस सरकार की उपलब्धि यह है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो आईटीआई, पॉलिटेक्निक खोले थे वर्तमान सरकार उनको या तो बंद कर रही है या तो उनके अधिकारी कर्मचारियों को अन्यत्र शिफ्ट कर रही है। कोविड-19 बीमारी की वजह से लगभग 65 हजार बेरोजगार नौजवान टिहरी जनपद का आज घर में हाथ में हाथ धरे बैठे हैं।
डीजल, पेट्रोल गैस, खाद्य तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। अब सरकार से जनता का विश्वास उठ चुका है और इसका खामियाजा उसे 2022 के चुनावों में भुगतना पड़ेगा ।