अंधेरगर्दी: ग्राम चौगाम के राजस्व रिकॉर्ड लापता, विजय रैना का आरोप
जीएनएस ब्यूरो।
कुलगाम । भाजपा जिलाध्यक्ष कुलगाम और सरपंच चौगाम-ए ने आरोप लगाया है कि उनके गांव चौगाम के राजस्व रिकॉर्ड गायब हैं । एक प्रेस बयान में रैना ने आरोप लगाया कि वर्ष 2007 में जो समझौता किया गया था उसमें कई गलत प्रविष्टियां हैं। 1971 की बंदोंबस्ती से लेकर 2007 तक कोई दलगत सरकार, पार्टी पटवार, लता और गिरदावरी उपलब्ध नहीं है। इन अभिलेखों को क्षेत्र के तत्कालीन संबंधित राजस्व अधिकारियों द्वारा जानबूझकर चोरी / नष्ट या नष्ट कर दिया गया था।
आश्चर्य की बात यह थी कि राजस्व विभाग में इन भूमि अभिलेखों का पता नहीं चल रहा था। यह भ्रष्टाचार का एक स्पष्ट उदाहरण था जिसने इन अधिकारियों को भूमि हथियाने वालों के निर्देश पर भूमि रिकॉर्ड का शीर्षक बदलने के लिए मजबूर किया।
चौगाम गांव के लोग अपनी जमीन का पता लगाने के लिए दर-दर भटक रहे थे, लेकिन 2007 के बंदोबस्त से पहले कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। रैना ने चिंता जताते हुए मांग की है कि इस तरह के जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कानून के तहत गंभीरता से दंडित किया जाए।
रैना ने कहा कि वर्तमान सरकार को इस मामले में अपराध शाखा के माध्यम से उच्च स्तरीय जांच शुरू करनी चाहिए ताकि उन भूमि मालिकों को न्याय प्रदान किया जा सके जो शिकार हुए हैं।
रैना के अनुसार, कुछ महीने पहले माननीय उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश द्वारा पोर्टल का उद्घाटन किया गया था, जो तत्कालीन अधिकारियों की मदद से भूमि हड़पने वालों द्वारा भूमि के अवैध अतिक्रमण से प्रभावित कश्मीरी प्रवासियों की शिकायतों को दूर करने के लिए किया गया था।
उनके अनुसार वह पोर्टल कम अर्थ प्रदान करता है क्योंकि संबंधित विभाग में राजस्व अभिलेखों का पता नहीं लगाया जा सकता था। इसी कारण से तहसील देवसर आज तक प्रवासियों की शिकायतों का अवलोकन नहीं कर पा रही है।
रैना ने मामले को देखने के लिए उपराज्यपाल जम्मू कश्मीर यूटी से हस्तक्षेप की मांग की, ताकि पीड़ित भूमि मालिकों को न्याय प्रदान किया जा सके।