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सामाजिक धार्मिक एकता व समन्वय के लिए उत्तराखंड में 8 मई से 20 जून तक सद्भावना यात्रा का आयोजन

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देहरादून।/टिहरी। ऐतिहासिक कुली बेगार प्रथा के 100वें एवं देश की आजादी के 75वें साल के मौके पर उत्तराखंड के विभिन्न सामाजिक संस्थान, लोकतांत्रिक संगठन, जन आंदोलन समूह, नागरिक संगठन और बौद्धिक संस्थान एक प्रदेश व्यापी यात्रा का आयोजन कर रहे हैं।

यह यात्रा उत्तराखंड की जनता के साथ पर्यावरणीय मूल्य, लोकतांत्रिक मूल्य, सामाजिक सद्भाव एवं सौहार्द, आजीविका पलायन, जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर संवाद स्थापित करने की कोशिश करेगी। यात्रा के दौरान प्रयास रहेगा कि विगत 100 सालों के सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक एवं लोक पक्षीय राजनीति के स्थानीय नायकों के जीवन एवं उनके योगदान पर भावी पीढ़ी के साथ संवाद स्थापित हो।

यात्रा के संचालन एवं प्रबंधन संबंधित निर्णयों के लिए एक प्रदेश स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। विभिन्न संगठनों, लोक समूहों एवं सामाजिक संस्थानों ने भी यात्रा संबंधी जिम्मेदारियां स्वीकार की हैं। आमंत्रण पत्र के साथ यात्रा मार्ग का कार्यक्रम संलग्न है। आपसे अनुरोध है कि आप यात्रा में शामिल होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

उत्तराखंड सद्भावना यात्रा कमेटी में सुरेश भाई (उत्तरकाशी), पीसी तिवारी (अल्मोड़ा), रमेश पंत (हिम दर्शन), इस्लाम हुसैन (अध्यक्ष उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल), धूम सिंह नेगी (खाड़ी), बिजू नेगी, विजय शंकर शुक्ला (देहरादून),बसंती बहन ( पिथौरागढ़ ), अर्चना बहुगुणा(रुद्रप्रयाग), अनिरुद्ध जडेजा (सतखोल), अरण्य रंजन (खाड़ी, टिहरी), राजीव नयन बहुगुणा  (देहरादून), राजेन्द्र नेगी (चम्बा), ईश्वर जोशी (बसोली), दिनेश लाल (घनसाली), खष्टी रूबाली (रामगढ़), साहब सिंह सजवाण (नई टिहरी), चंद्रा पंत (दन्या), नंदा बिष्ट (धारचूला), चारू तिवारी (बग्वालीपोखर), सुनीता भास्कर (हल्द्वानी), सुन्दर बरोलिया (बागेश्वर), रूपेश कुमार (दिनेशपुर), दयाल पाण्डेय (हल्द्वानी), लक्ष्मण आर्य(बागेश्वर), प्रेम बहुखंडी (देहरादून) इंद्रेश मैखुरी (कर्णप्रयाग) गंगा असनोड़ा (श्रीनगर) अतुल सती (जोशीमठ), देवेन्द्र बहुगुणा (देहरादून) गीता गैरोला (देहरादून) को शामिल किया गया है।


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Garhninad Desk

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