थिएटर कला से जुड़ने और उसे असल में महसूस करने का है ज़रिया:सुनिधि खन्ना
तत्वों को इस्तेमाल कर कला को और बढ़ावा दे पाएंगे कलाकार:अमित तिवारी
भव्य और कलासंस्कृति से भरपूर रहा ब्लैक बॉक्स थिएटर फेस्टिवल:अखिल नाथ
नई दिल्ली 8 अप्रैल 2023। सुनील कुमार जांगड़ा।
हर वर्ष की तरह भारत का सबसे बड़ा ब्लैक बॉक्स कैंपस फेस्टिवल के चौथे संस्कृमण का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम 1 से 7 अप्रैल 2023 क्रिएट स्टूडियो, घिटोरनी में क्रिएट रूम फॉर आर्टिस्ट संस्था और अनुभूति के संयुक्त देख-रेख में किया गया।
कार्यक्रम में उन्नत भारत संगठन के युवा अध्यक्ष अखिल नाथ, पीएफएम के संस्थापक हरनीत सिंह सेठी तथा लेवन फेस्टा से विकास सहित कई सहयोगी संस्थाओं के अधिकारी तथा हरियाणा उदय से सुनील कुमार जांगड़ा भी मौजूद रहे।
बातचीत के दौरान फेस्टिवल के संयोजक अमित तिवारी ने फेस्टिवल की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष ये कार्यक्रम गत वर्षो से हो रहे कार्यक्रमों की अपार सफलता के बाद और भी अधिक भव्य और विशाल रहा, जिसमे 700 से अधिक युवा कलाकार ने भाग लिया।
फेस्टिवल की अध्यक्ष सुनिधि खन्ना ने सभी कलाकारों का धन्यवाद किया और मीडिया तथा सहयोगी संस्थाओं का भी आभार जताया जिनके कारण ऐसे कलाकारों को यह मंच मिल पाता है। सुनिधि खन्ना और उनकी टीम द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम थिएटर और ड्रामा को बढ़ावा देने का एक कदम रहा जिसे सभी अतिथियों और कलाकारों ने खूब सराहा।
सभी अतिथि सहित उन्नत भारत संगठन के युवा अध्यक्ष अखिल नाथ ने भी इस कार्यक्रम और अनुभूति की टीम के प्रयासों को खूब सराहा। नाथ ने बताया की पिछले 1 साल से वे इस कार्यक्रम से जुड़े हैं। अखिल नाथ ने बताया की अमित तिवारी जी के कार्य को देखते हुए उन्होंने तिवारी जी को पिछले वर्ष उन्नत भारत सेवाश्री अवार्ड 2022 हेतु भी चयनित किया था।
इस बार फेस्टिवल में शॉर्ट फिल्म, कविता वाचन, स्टोरी टेलिंग,डांस परफॉर्मेंस, गीत-संगीत , रंग प्रदर्शनी के साथ ही ओपन हाउस भी फेस्टीवल में शामिल किए गए। 7 दिन के इस कार्यक्रम में दिल्ली व एनसीआर के विश्वविद्यालयो की 23 नाट्य संस्थाएं 23 विभिन्न नाटकों का मंचन किया गया।
इस बार ये महोत्सव कई रूपो में विशेष रहा, विभिन्न तत्वों (हवा, पानी, मिट्टी, अग्नि, आदि का इस्तेमाल कर कलाकारों को अपने नाटकों में एक्सपेरिमेंट करने का मौका मिल रहा है जिससे कलाकारों को नए अवसर मिलेंगे और वह अपनी कला को और निखार सकेंगे।