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शिरोमणि माता अनसूया का दो दिवसीय मेला विधि विधान के साथ शुरू

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संतानदायिनी सती शिरोमणि माता अनसूया

चमोली * गढ़ निनाद, 11 दिसम्बर 2019 (सू0 वि0)

जिला पंचायत अध्यक्षा रजनी भंडारी ने मेले का उदघाटन किया। इस अवसर पर माता अनसूया मंदिर को फूल मालाओं से सजाया गया। माता अनसूया मंदिर में दत्तात्रेय जयंती पर सम्पूर्ण भारत से हर वर्ष निसंतान दंपत्ति और भक्त जन अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहुंचते है। इस बार संतान कामना के लिए 150 बरोहियों (निसंतान दंपति) ने मंदिर में रात्रि जागरण के लिए पंजीकरण कराया है। मेले के दौरान पूरे पैदल मार्ग में सुरक्षा के भी कडे इंतज़ाम किए गए है। 

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे एवं अपर जिलाधिकारी एमएस बर्निया ने बुधवार को अनसूया मंदिर पहुँचकर मां अनसूया के दरबार में पूजा अर्चना की। इस दौरान जिलाधिकारी ने अनसूया मेला ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष बीएस झिक्वांण से मेले की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। 


उन्होंने ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष को यात्रियों की सुविधा के लिए कंबल, रैनबसेरा आदि जरूरी आवश्यकता के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने की बात कही। कहा कि जिला प्रशासन की ओर से श्रद्वालुओं के लिए अनसूया मंदिर में जरूरी सुविधाएं जुटाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने अनसूया पैदल मार्ग पर यात्रा व्यवस्था का जायजा लेते हुए सुरक्षा हेतु आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

बताते चलें पौराणिक काल से दत्तात्रेय जंयती पर हर वर्ष सती माता अनसूया में दो दिवसीय मेला लगता है। माता अनुसूया मेले में निसंतान दंपत्ति और भक्त जन अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहुँचते है। बताते है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने मां अनुसूया के सतीत्व की परीक्षा लेनी चाही थी, तब उन्होंने तीनों को शिशु बना दिया। यही त्रिरूप दत्तात्रेय भगवान बने। उनकी जयंती पर यहां मेला और पूजा अर्चना होती है।



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