दीपोत्सव 5 नहीं 6 दिनों का होगा, एक ही दिन मनेगी छोटी-बड़ी दिवाली- नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज

रायवाला हरिद्वार। नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने बताया कि दीपोत्सव पूरे 5 दिनों का उत्सव होता है, जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे उत्सव शामिल होते हैं। लेकिन इस साल दिवाली 2025 दीपोत्सव कैलेंडर 5 नहीं बल्कि 6 दिनों का होगा।
पचांग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से लेकर शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि तक दीपोत्सव मनाया जाता है। दीपोत्सव 5 दिनों का प्रमुख त्योहार होता है, जिसमें धनतेरस, नरक चतुर्थी (छोटी दीवाली), मुख्य दिवाली (लक्ष्मी पूजन), गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं । इसलिए कहा जाता है कि दिवाली एक नहीं बल्कि 5 दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ हो जाती है।
5 नहीं 6 दिनों का होगा दीपोत्सव
इस साल दीपोत्सव की शुरुआत 18 अक्टूबर 2025 से हो रही है, जिसका समापन 23 अक्टूबर 2025 को होगा । इस तरह से दीपोत्सव 5 नहीं बल्कि पूरे 6 दिनों तक मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि में बढ़ोतरी के कारण दीपोत्सव 6 दिनों का हुआ है, जिसमें त्रयोदशी तिथि दो दिन पड़ेगी । तिथि में घट-बढ़ के कारण त्योहारों के क्रम में भी अंतर हो जाता है। आइये जानते हैं किस तिथि पर कौन से त्योहार मनाए जाएंगे।
शनिवार 18 अक्टूबर – इस दिन दोपहर 12:19 तक द्वादशी तिथि ही रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जाएगी । ज्योतिष की माने को 18 अक्टूबर को दिन से लेकर रात्रि तक त्रयोदशी तिथि रहेगी, इसलिए इसी दिन धनतेरस का त्योहार मनाना शुभ रहेगा।
रविवार 19 अक्टूबर: 19 अक्टूबर को भी त्रयोदशी तिथि दोपहर 01 बजकर 51 मिनट तक रहेगी । इसलिए आप त्रयोदशी की पूजा और खरीदारी इस दिन भी कर सकेंगे। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त शुभ रहेगा।
सोमवार 20 अक्टूबर – कार्तिक कृष्ण की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है, जोकि 20 अक्टूबर 2025 को रहेगी । इस दिन चतुर्दशी तिथि दोपहर 3:45 तक रहेगी। इसके बाद अमावस्य तिथि लग जाएगी। अमावस्या तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का विधान है। इसलिए 20 अक्टूबर को ही सुबह नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी और फिर शाम के समय प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
मंगलवार, 21 अक्टूबर – दिवाली के अगले दिन और दीपोत्सव के चौथे दिन वैसे तो गोवर्धन पूजा का महत्व है । लेकिन गोवर्धन पर्व कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है, जबकि इस दिन सुबह से लेकर दोपहर तक अमावस्या तिथि ही रहेगी। इसलिए गोवर्धन पूजा 21 अक्टूबर को नहीं होगी।
बुधवार, 22 अक्टूबर- उदयातिथि के अनुसार इस दिन कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि रहेगी । इसलिए 22 अक्टूबर को लोग घर और मदिरों में गोवर्धन पूजा करेंगे और भगवान कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा।
गुरुवार, 23 अक्टूबर- यह दीपोत्सव का छठा दिन रहेगा, जिसमें भाई दूज मनाई जाएगी। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर बहन अपने भाई घर बुलाकर उनका टीका करती है, भोजन कराती हैं और उनके दीर्घायु की कामना करती हैं।