एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना- ‘मेरा राशन मोबाइल’ एप्लिकेशन का आज शुभारंभ
- ओएनओआरसी के साथ अब तक 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश जुड़े
- शेष 4 राज्यों का भी अगले कुछ महीनों में होगा एकीकरण
- अप्रैल-20 से फरवरी-21- लगभग 15.4 करोड़ पोर्टेबिलिटी दर्ज
एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना पर उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव ने आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर सचिव ने मेरा राशन मोबाइल एप भी शुरू किया। यह एप उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा जो अपनी आजीविका के लिए अपने घरों से किसी अन्य स्थान पर जाते हैं।
इस अवसर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री पांडे ने कहा कि यह योजना आरंभ में चार राज्यों में अगस्त 2019 में शुरू हुई और बहुत ही कम समय में दिसंबर 2020 तक 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसे लागू कर दिया गया। बचे हुए 4 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में भी अगले कुछ महीनों में इसके लागू होने की संभावना है। श्री पांडे ने कहा कि इस सिस्टम के अंतर्गत लगभग 69 करोड एनएफएसए लाभार्थी लाभान्वित हो रहे हैं जो कुल एनएफएसए जनसंख्या का लगभग 86% है और प्रतिमाह देश में औसतन 1.5 से 1.6 करोड़ लोगों को ओएनओआरसी से जोड़ा जा रहा है।
अपने संबोधन में पांडे ने कहा कि ओएनओआरसी प्रत्येक एनएफएसए लाभार्थी के लिए एक उल्लेखनीय सुविधा है। इसके तहा कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों को लाभ पहुंचा और वे सब्सिडी पर खाद्यान्न प्राप्त कर सके। लॉकडाउन के दौरान लाभार्थी जहां भी थे वहीं पर इस सुविधा का लाभ उठाते हुए खाद्यान्न प्राप्त कर सके। इसके अंतर्गत किसी भी एफपीएस के चयन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के बीच ओ एन ओ आर सी के अंतर्गत लगभग 15.4 करोड पोटेबिलिटी ट्रांजैक्शंस रिकॉर्ड किए गए।
प्रवासी एनएफएसए लाभार्थियों को और सहूलियत पहुंचाने के क्रम में विभाग लगातार अन्य मंत्रालयों और विभागों के साथ सहयोग और साझेदारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रवासी पोर्टल के साथ ओ एनओआरसी को एकीकृत करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की मदद ली जा रही है। ओएनओआरसी को आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय की पीएम स्वनिधि योजना का हिस्सा बनाया गया, श्रमिक स्पेशल समेत भारतीय रेलवे की सेवाओं का इस्तेमाल करते हुए यात्रा करने वाले प्रवासी श्रमिकों की जागरूकता हेतु कार्यक्रम चलाए गए। इसके अंतर्गत रेलवे स्टेशनों पर ऑडियो-वीजुअल प्रदर्शन और उद्घोषणा कराई गई, साथ ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय, पत्र सूचना कार्यालय, माईगव, ब्यूरो ऑफ़ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन के माध्यम से भी संदेश प्रचारित किए गए।
लाभार्थियों को जागरूक करने के क्रम में हिंदी और स्थानीय भाषाओं में देशभर के 2400 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर उद्घोषणा कराई जा रही है। साथ ही प्रधानमंत्री के संदेश के साथ बने रेडियो विज्ञापन को देश में 167 एफएम रेडियो और 91 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों से प्रचारित किया जा रहा है। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य परिवहन की बसों पर प्रचार के बैनर लगाए गए हैं। साथ ही साथ सभी एफपीएस पर बैनर और पोस्टर के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। टि्वटर, यूट्यूब सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। विभाग, क्षमता निर्माण के लिए जिला स्तर के अधिकारियों, क्षेत्रीय कर्मचारियों और एफपीएस डीलरों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वेबकास्टिंग के माध्यम से लगातार व्यवस्थित ढंग से प्रशिक्षित कर रहा है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा ओ एन ओ आर सी में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का राष्ट्रव्यापी अभियान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एनएफएसए के अंतर्गत चलाया जा रहा है। यह व्यवस्था सभी एनएफएसए लाभार्थियों को विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को सहूलियत देती है। इसके अंतर्गत लाभार्थी अपने हिस्से का पूरा राशन या उसका कुछ हिस्सा देश की किसी भी सस्ती दर की दुकान यानि एफपीएस से लेने का अधिकारी है। बायोमेट्रिक या आधार प्रमाणन से यह लाभ उठाया जा सकता है। इस सिस्टम की मदद से ही ऐसे प्रवासी श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के घर वापसी की स्थिति में बचे हुए राशन को उसी राशन कार्ड से अन्य स्थान से प्राप्त करने की भी सुविधा मिलती है।
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