पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, यूपी में शोक की लहर
लखनऊ। हिंदुत्व की राजनीति के असली नायक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की 89 साल की आयु में शनिवार देर रात निधन हो गया है। उन्हें चार जुलाई 2021 को संक्रमण और बेहोशी के कारण एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। जहां एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आर. के. धीमान नियमित रूप से उनके इलाज की निगरानी कर रहे हैं। आखिरकार कल्याण सिंह ने शनिवार देर रात अंतिम सांस ली।
कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार 23 अगस्त की शाम नरोरा में गंगा तट पर किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए 3 दिन का राजकीय शोक और सोमवार 23 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे तथा राजस्थान में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे । सिंह ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि बाद में उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था।
कल्याण सिंह का जन्म अलीगढ़ में अतरौली तहसील के मड़ौली के किसान परिवार में हुआ था । बचपन में ही वह संघ से जुड़ गए थे। 1967 में पहली बार विधायक बने कल्याण सिंह यूपी में पिछड़ी जातियों के बड़े नेता माने जाते थे। 1980 के दशक में मंडल राजनीति के दौर में पिछड़े वोट बैंक को भाजपा के पक्ष में करने का श्रेय कल्याण सिंह को ही जाता है।
1989 में हुए राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेई के साथ कल्याण सिंह मुख्य भूमिका में रहे थे। उन्होंने पहली बार सीएम बनने पर मंत्रिमंडल के साथ सीधे अयोध्या में जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि-
“भारत की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने में कल्याण सिंह की अहम भूमिका रही है। भारतीय मूल्यों में वे रचे बसे थे और हमारी सदियों पुरानी परंपरा को लेकर उन्हें गर्व था। वे समाज के वंचित वर्ग के करोड़ों लोगों की आवाज थे।”
उनके निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी समेत तमाम केंद्रीय नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।