मातृभाषा के साथ-साथ हिन्दी को भी मजबूती से आगे बढ़ाने का संकल्प लेना होगा -डॉ. ध्यानी
नई टिहरी। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय एवं उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी हिंदी दिवस के अवसर पर कहा कि हमें अपनी मातृभाषा के साथ-साथ हिन्दी को भी मजबूती से आगे बढ़ाने का संकल्प लेना होगा।
उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी राजभाषा है, इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा इसका उपयोग करना चाहिए। यह हमें एक सूत्र में बांधने का भी काम करती है इसलिए हमें इसका मान-सम्मान करना चाहिए। यह तभी संभव होगा जब हम हिंदी बोलेंगे, पढ़ेंगे और अपने दैनिक जीवन में इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करेंगे।
डॉ ध्यानी ने कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा भी है और संस्कृति भी है। विश्व में हिन्दी भाषी लोग 70 करोड़ से ज्यादा हैं। आज हिन्दी की वैश्विक पहचान द्रुत गति से हो रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर आदि देशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में हिन्दी पढ़ाई जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में 115 से ज्यादा शिक्षण संस्थानों में हिन्दी का अध्ययन अध्यापन होता है। हिन्दी विश्व भाषा के रूप में स्थापित होने की दिशा में आगे बढ़ रही है। हमें अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रति सम्मान और अपनत्व होना चाहिए। यह तभी संभव होगा जब हम हिंदी बोलेंगे, पढ़ेंगे और अपने दैनिक जीवन में इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करेंगे।