वन पंचायतों का महाधिवेशन: वन मंत्री ने की जिला प्रशासन की सराहना

देहरादून/चकराता, 19 मार्च 2025 । मा0 वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बुधवार को चिरमिरी टॉप, चकराता में नव गठित वन पंचायतों के महाधिवेशन का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने जिलाधिकारी सविन बंसल की अभिनव पहल की सराहना की और अन्य जिलों को भी इससे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। मा0 मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के तहत वनाग्नि रोकथाम और वन पंचायतों के सुदृढ़ीकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा यह आयोजन किया गया।सम्मेलन में मुख्य अतिथि सुबोध उनियाल ने वन पंचायतों को आपदा मद से 15-15 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की। इसमें 10 वन पंचायत सरपंचों को चेक वितरित किए गए, जबकि शेष को डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में राशि हस्तांतरित की गई। साथ ही, वनाग्नि से निपटने के लिए वन पंचायतों को फायर किट उपलब्ध कराई गईं और उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 सरपंचों को सम्मानित किया गया। इस दौरान “जंगल से जनकल्याण” का सामूहिक संकल्प लिया गया।मा0 वन मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड के जंगल राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार हैं और इनकी सुरक्षा पूरी मानवता के लिए आवश्यक है। उन्होंने वनाग्नि रोकथाम में जन सहभागिता पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए ग्राम, जिला और शासन स्तर पर कमेटियां गठित की गई हैं। वनाग्नि नियंत्रण में योगदान देने वालों को 51 हजार से 1 लाख रुपये तक के पुरस्कार का प्रावधान भी बताया। इसके अलावा, ईको-टूरिज्म और हर्बल प्लांटेशन के जरिए रोजगार सृजन पर काम करने की बात कही।चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने के लिए वन संरक्षण की जरूरत पर बल दिया और क्षेत्र की समस्याओं के निवारण के लिए वन मंत्री से आग्रह किया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि देहरादून जिले में 200 वन पंचायतों को सक्रिय किया गया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग वनाग्नि रोकथाम में फर्स्ट रिस्पॉन्डर की भूमिका निभाते हैं, क्योंकि उन्हें अपने क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी सबसे बेहतर होती है। वन पंचायतों को जागरूक करना, प्रशिक्षण देना और वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराना जिला प्रशासन का दायित्व है। पहली बार किसी जिले में वन पंचायतों को इस तरह की धनराशि दी गई है, ताकि वे फायर वॉचर नियुक्त कर सकें और फायर लाइन तैयार कर वनाग्नि को कम कर सकें।महाधिवेशन में वनाग्नि प्रबंधन पर प्रशिक्षण, वन पंचायतों के अधिकार-दायित्वों पर मंथन और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा हुई। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, डीएफओ अभिमन्यु सिंह, वन विभाग के अधिकारी, सरपंच और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।