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शिवमहापुराण कथा में शिव विवाह प्रसंग को सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

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देहरादून । क्लेमेनटाउन के नवदुर्गा मंदिर चल रही शिवमहापुराण में कथा व्यास नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने शिव पार्वती विवाह प्रसंग का वर्णन किया । विवाह प्रसंग को सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए ।

इस दौरान शिव पार्वती विवाह की भव्य झांकी का चरित्र चित्रण किया गया। ये झांकी श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही, विवाह प्रसंग के दौरान शिव पार्वती की झांकी पर श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाये। देवाधिदेव शिव एवं माता पार्वती के इस विवाह में श्रद्धालु झूमकर विवाह गीत गाने लगे। प्रसंग का वर्णन करते हुए संत रसिक महाराज ने कहा कि पर्वत राज हिमालय की घोर तपस्या के बाद उनके घर अवतरित माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं, एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए। लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया।

शिव-पार्वती प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पार्वती की आराधना शिवमहापुराण का अभिन्न अंग है । इसके श्रवण से ही मनुष्य के सारे मानसिक व आत्मीय विकारों का अंत हो जाता है। उन्होंने कहा की ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से ही प्रभु मिलते हैं। प्रसंग में बताया कि भगवान की कथा जीवन जीना सिखाती है व सनातन धर्म के प्रति उनके जीवन में संस्कार गढ़ती है। 

आज इस अवसर पर मंजू कोटनाला, अंजू ध्यानी, बंगला रानी विष्ट, रोशनी रावत, मीना रावत, कमला रावत, नीमा रौथाण, मंजू विष्ट, दीपा जोशी, रमा लिंगवाल, बबली रमोला, प्रमिला रावत, गुड्डी खन्तवाल, नंदबाला ढौढियाल एवं बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे। 


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