भारतीय ऑनलाइन एमबीए को मिली वैश्विक पहचान, एमआरआईआईआरएस क्यूएस टॉप-100 में शामिल

देहरादून, 24 सितम्बर 2025 । भारतीय ऑनलाइन बिज़नेस शिक्षा ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। क्यूएस ऑनलाइन एमबीए रैंकिंग 2026 में मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (एमआरआईआईआरएस) ने जगह बनाकर वैश्विक स्तर पर भारत की शैक्षणिक साख को मजबूत किया है।
एमआरआईआईआरएस का ऑनलाइन एमबीए प्रोग्राम ग्लोबल टॉप 100 (76–100 बैंड) में शामिल हुआ है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 9वां स्थान हासिल किया है। खास बात यह है कि एमआरआईआईआरएस ने क्लास एक्सपीरियंस कैटेगरी में वैश्विक स्तर पर नंबर-1 रैंकिंग पाई है।
भारत से केवल तीन विश्वविद्यालयों को इस रैंकिंग में स्थान मिला है, जिनमें एमआरआईआईआरएस का शामिल होना इसकी बढ़ती ताकत और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है। संस्थान ने फैकल्टी और टीचिंग इंडिकेटर में भी वैश्विक स्तर पर 80वां स्थान तथा एशिया-प्रशांत में 8वां स्थान हासिल किया है।
क्यूएस के कार्यकारी निदेशक डॉ. अश्विन फर्नांडिस ने कहा कि भारतीय ऑनलाइन एमबीए अब वैश्विक स्तर पर गुणवत्ता, उद्योग प्रासंगिकता और छात्र अनुभव में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने इसे भारतीय उच्च शिक्षा की वैश्विक प्रभावशीलता का प्रमाण बताया, वहीं संस्थान के एमडी एवं सीईओ राजीव कपूर ने कहा कि यह डेब्यू भारत की डिजिटल उच्च शिक्षा में बढ़ती ताकत को रेखांकित करता है।
एमआरआईआईआरएस का ऑनलाइन एमबीए प्रोग्राम मार्केटिंग, फाइनेंस, एचआर, इंटरनेशनल बिज़नेस, बिज़नेस एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, एविएशन, लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर मैनेजमेंट जैसी द्वि-विशेषज्ञताओं के साथ तैयार किया गया है। इसमें केस स्टडीज़, सिमुलेशन, कैपस्टोन प्रोजेक्ट्स, इंडस्ट्री मास्टरक्लास और इंटरैक्टिव डिज़ाइन के जरिए छात्रों को व्यावहारिक अनुभव दिया जाता है।
हार्वर्ड बिज़नेस पब्लिशिंग और लिंक्डइन लर्निंग जैसी साझेदारियों के जरिए छात्रों को वैश्विक संसाधनों तक पहुंच मिलती है। साथ ही, 200 से अधिक हायरिंग पार्टनर्स के नेटवर्क से करियर डेवलपमेंट के अवसर सुनिश्चित किए जाते हैं।
यह उपलब्धि सिर्फ एमआरआईआईआरएस की नहीं बल्कि भारत की ऑनलाइन उच्च शिक्षा की वैश्विक पहचान है। अब भारतीय विश्वविद्यालय भी ऑनलाइन बिज़नेस शिक्षा में दुनिया के अग्रणी संस्थानों की कतार में शामिल हो रहे हैं।